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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम एक बार इतिहास रचने से एक मैच दूर है। आज अहमदाबाद में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारत के सामने होगी  आस्ट्रेलिया की टीम,  140 करोड़ लोग आज भारत की जीत के लिए प्रार्थना करेंगे। आज अहमदाबाद में नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में 12 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्व कप ट्राफी उठाने के इरादे से उतरेगी।

 

 

 

 

कोई फर्क नहीं पड़ता कि भारतीयों के सामने पांच बार की विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया होगी, रोहित के जांबाज इसी टूर्नामेंट में कंगारूओं को धूल चटा चुके हैं मगर क्रिकेट के सबसे बड़े मंच में भारत की सर्वश्रेष्ठ टीम को एक नये दिन में एक बार फिर उठ कर खड़े होने की काबिलियत रखने वाले कंगारूओं के साथ तय रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा। इसके साथ ही करोड़ों भारतीयों की भावनाओं के दवाब से निपटने के लिये रोहित सेना को मनोवैज्ञानिक रूप से अधिक मजबूत बनना होगा।

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दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में एक लाख 30 हजार दर्शक मैच की एक एक गेंद पर भारतीय टीम की हौसलाफजाई करेंगे वहीं देश दुनिया में करोड़ों प्रशंसक भारत की जीत की दुआयें कर रहे होंगे। 2011 के बाद भारत के पास बेशकीमती विश्वकप की ट्राफी उठाने का भरपूर मौका होगा। भारत ने पहली बार विश्व कप में दुनिया की सभी टीमों कों बड़े अंतर से हराया है। टीम का हर सदस्य पूरे फार्म में है। क्रिकेट के दिग्गज भी मानते हैं कि उन्होने अपने जीवनकाल में इससे बेहतरीन भारतीय टीम नहीं देखी है।

आज से 40 साल पहले कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने लार्डस के एतिहासिक मैदान पर वेस्टइंडीज को हरा कर पहली बार विश्व कप ट्राफी उठायी थी। वह क्षण देश के करोड़ों भारतीयों के लिये अप्रत्याशित था,किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत विश्व कप जीत सकता है। यह सपने के सच होने जैसा था। 2011 में कैप्टन कूल यानी महेन्द्र सिंह धोनी के मतवालों ने विश्व कप पर एक बार फिर अपना नाम लिख दिया जिसके बाद दुनिया में भारतीय क्रिकेट का वर्चस्व बढ़ता चला गया।

मौजूदा विश्व कप से पहले क्रिकेट के दीवाने देश में प्रशंसकों को विश्वास था कि भारत अंतिम चार तक जरूर पहुंचेगा मगर जिस शान के साथ भारत ने फाइनल में प्रवेश किया,उसकी उम्मीद भारतीयों ने नहीं की थी। अब विश्वकप के अंतिम पड़ाव को पार करने के लिये भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया के साथ करोड़ों भारतीयों की भावनाओं के ज्वार से भी निपटना होगा।

क्रिकेट पंडितों के अनुसार भारतीय टीम के मौजूदा एकादश में किसी बदलाव की गुंजाइश नहीं दिखती है। अतिरिक्त प्रयास की बजाय भारतीयों को अपना स्वाभाविक खेल दिखाना होगा। कप्तान रोहित शर्मा हर बार की तरह एक बार फिर अपनी टीम को तेज शुरुआत देने की कोशिश करते दिखेंगे वहीं शुभमन गिल और विराट कोहली की भूमिका क्रीज पर समय बिताने के साथ स्कोरबोर्ड को तेजी से चलाने की होगी। मध्यक्रम में केएल राहुल,अजय जडेजा और सूर्यकुमार यादव कंगारु गेंदबाजों की धार को बेअसर करने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ेंगे।

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