300 Kg of Kata cake, video seen on completion of 300 years of establishment of Poonarasar Temple

300 Kg of Kata cake, video seen on completion of 300 years of establishment of Poonarasar Temple

Share

पूनरासर श्रीहनुमान मन्दिर स्थापना के 300 वर्ष पूर्ण

300 Kg of Kata cake, video seen on completion of 300 years of establishment of Poonarasar Temple
300 Kg of Kata cake, video seen on completion of 300 years of establishment of Poonarasar Temple

हैलो बीकानेर न्यूज़, श्रीडूंगरगढ़।  पूनरासर श्रीहनुमान मन्दिर स्थापना के 300 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में  बाबा के धाम पर धार्मिक अनुष्ठान चल रहे है। पूनरासर में गुरुवार को मन्दिर के स्थापना दिवस के अवसर पर 300 किलोग्राम का केक काटा गया। इस मौके पर सुन्दर कांड के अखण्ड पाठ हुए। इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने मन्दिर के दर्शन किए तथा बाबा के जयकारों से पूनरासर गुंजायमान हो गया।  इससे पूर्व यहां चल रही श्रीराम कथा में गुरुवार को कथाचार्य संत मुरलीधर महाराज ने कहा कि आज सत्ता के स्वार्थ और अहंकार में लोग आपस में प्रेम करना भूल गए है। जहां से प्रेम और विश्वास चला जाता है। वहां कभी भी शांति नहीं हो सकती।

Vyas Vinod ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಭಾನುವಾರ, ಜೂನ್ 24, 2018

मानव जीवन के इस भटकाव के रास्ते पर तब गुरू ही मार्ग दिखाते हैं। प्रभु श्रीराम पर विश्वास के सहारे ही हम हमारे जीवन में बदलाव ला सकते है। उन्होंने कहा कि जीवन को सुखी बनाना चाहते हो तो कभी भी धीरज मत छोडऩा। प्रेम, शांति और विश्वास का दायरा भले ही छोटा हो, मगर धीरज की रोशनी सदैव बड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान ने आज इतनी तरक्की कर ली कि एक साथ सौ उपग्रह छोड़ सकते है, मगर मानव जीवन में हम पूर्वाग्रह नहीं छोड़ पाए। जब तक गति है तब तक जीवन है। इसके रुकते ही मौत सामने दिखाई देगी।

पूनरासर बाबा की आज की आरती सभी भगत जोर बोले ।। जय श्री पूनरासर

Vyas Vinod ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಭಾನುವಾರ, ಜೂನ್ 24, 2018

जिसे जीवन के नाम से जाना जाता हैएवह जीवन बड़ा जटिल है। इस दौरान उन्होंने भगवान हनुमान का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान हनुमान सम्पूर्ण संसार मे विधवान है। राम नाम के जाप व हनुमान के बखान से कलयुग रूपी इस जीवन का उद्धार किया जा सकता है। कथा की पूर्णाहुति से पूर्व श्रीराम राज्य अभिषेक व महाआरती का आयोजन हुआ।

About The Author

Share

You cannot copy content of this page