जयपुर। राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। तीन बजे बजे शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में सबसे पहले राज्यमंत्री अजय सिंह किलक व बाबूलाल वर्मा का प्रमोशन कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद विस्तार के तहत सबसे पहले निम्बाहेड़ा से विधायक श्रीचंद कृपलानी को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। उनके बाद अलवर के बहरोड़ से विधायक डॉ. जसवंत यादव को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। इसके बाद राज्यमंत्री के रूप में सीकर के खंडेला से विधायक बंशीधर बाजिया को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। उनके बाद जोधपुर के भोपालगढ़ से विधायक कमसा मेघवाल को भी राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। मेघवाल के बाद बांसवाड़ा से विधायक धनसिंह रावत को भी राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। सबसे अंत में डूंगरपुर के चौरासी से विधायक सुशील कटारा को भी राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह के बाद शाम साढ़े चार बजे से सीएमओ में कैबिनेट की बैठक शुरू हुई। इससे पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के नेतृत्व में महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने इन विधायकों को तिलक लगाकर भाजपा प्रदेश कार्यालय से राजभवन रवाना किया। इस बीच राजभवन में ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राज्यपाल कल्याण सिंह से मुलाकात की। इससे ठीक पहले जिन मंत्रियों को हटाया गया है, उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री राजे को सौंप दिया। असल में तीन साल तक लगातार जिलों के दौरे और मंत्रियों से लिए जाने वाले फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो आधार मजबूत किए। ये दौरे केवल क्षेत्र में कामकाज को लेकर ही नहीं थे, बल्कि उनके जनप्रतिनिधि कैसा काम कर रहे हैं, उसे लेकर भी थे। बिना किसी प्रकार के खुलासे के वसुंधरा राजे ने अपने दौरे के समय आमजन से भी फीडबैक लिया और अपनी बैक टीम का भी इसमें सहयोग लिया। कई दिन पहले से ही बैकटीम को फील्ड में भेजकर जाना गया कि आखिर उनके जनप्रतिनिधियों की जनता में छवि कैसी है। उसी आधार पर वसुंधरा राजे ने कैबिनेट विस्तार के नाम तय किए हैं। इसके अलावा लगातार मंत्रियों से कामकाज का फीडबैक लेकर और फिर उनके विभागों की बैठकें लेकर कामकाज के तरीकों को भी राजे ने बारीकी से देखा। इसके आधार पर ही विभागों में फेरबदल के साथ दो से तीन मंत्रियों की छुट्टी किए जाने का फैसला किया गया है।