हैलो बीकानेर। यहां आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के अवसर पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आए। ऊंटों के करतब, रौबीलों के रौब के साथ वे यहां की परंपराओं व संस्कृति से भी अभिभूत हुए। इस दौरान ऐतिहासिक शहर के खूबसूरत नजारों को कैमरे में कैद करने को भी वे बेताब नजर आए। रविवार को ‘हैरिटेज वाॅक’ शहरी क्षेत्र की तंग गलियों में सैकडों देशी-विदेशी पावणो का शहरवासियों ने पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया, तो यहां की अनूठी स्वागत परम्परा, साम्प्रदायकि सौहार्द और बहुरंगी संस्कृति देखकर विदेशी भी अभिभूत हो गए और उनके मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, ‘वाओ! इट्स गे्रट’। लेकिन लक्ष्मीनाथजी मंदिर क्षेत्र में विदेशी सैलानी उस समय अचंभित रह गए जब वहां निराश्रित गौवंश बेखौफ सार्वजनिक जगहों पर घूम रहे थे।
उनके बीच मंदिर और आसपास के नजारों को कैमरे में कैद करने के लिए उन्हें बहुत जद्दोजहद करनी पड़ रही थी। प्रशासन ने इस अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के आयोजन की तैयारियों में कहने को तो रात-दिन एक कर दिए, लेकिन निराश्रित गौवंश को सार्वजनिक स्थानों पर रोकने के लिए रत्ती भर भी प्रयास नहीं किए। इसी क्षेत्र में जब कलक्टर अनिल गुप्ता पहुंचे तो क्षेत्र के लोगों ने उनसे मंदिर के आसपास हुए स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण के अलावा अन्य समस्याओं के निराकरण की भी मांग की।
फोटो : राजेश छंगाणी