बीकानेर। किस को पता था की कमला और सूर्या के लिए सोमवार का दिन जिन्दगी का आखिरी दिन होगा। हमेशा की तरह घर में कमला चूल्हे पर रबड़ी बना रही थी, छोटा बेटा सूर्या माँ के पास बैठा था, पति मांगीलाल घर के बाहर मजदूर का इंतजार कर रहा था। अचानक एक ब्लास्ट हुआ और घर में हाहाकार मच गया। कालचक्र गतिमान है, लेकिन यह किसी को नहीं पता था कि गतिमान कालचक्र से मांगीलाल के परिवार की सांसें थम जाएंगी। यह घटनाक्रम था गंगाशहर में कुम्हारों के मोहल्ला निवासी मांगीलाल प्रजापत के घर का। सोमवार की सुबह उसके परिवार के लिए काल बन कर ही आई थी। साइकिल पर बंधा हुआ सिलेण्डर फटने से मांगीलाल की 30 वर्षीय पत्नी कमला व 10 वर्षीय सूर्यप्रकाश की गंभीर झुलसने से मौत हो गई।
सिलेण्डर बना काल
बताया जा रहा है कि मांगीलाल के घर में निर्माण कार्य चल रहा था तथा वह मजदूर के आने का इंतजार कर रहा था। तभी एक मजदूर ने मांगीलाल को कॉल करके बताया कि उसके घर में गैस सिलेण्डर खाली हो गया है तो वह थोड़ा लेट पहुंचेगा। थोड़ी देर बाद वह मजदूर 9 बजे आने के बजाय 11.20 बजे मांगीलाल के घर पहुंचा। उसकी साइकिल के पीछे पांच किलोग्राम का गैस सिलेण्डर भरा हुआ था। मजदूर ने कहा, काम शुरू कर लेता हंू उसके बाद सिलेण्डर अपने घर रख कर आ जाएगा। वक्त की निर्दयता कहें या काल का कुचक्र कि जो सिलेण्डर साइकिल पर बंधा था, वह अचानक ब्लास्ट हो गया और पास ही में जल रहे चूल्हे पर मांगीलाल की पत्नी छत्तों के लिए रबड़ी बना रही थी। विस्फोट इतना भयावह था कि 15 फुट का स्थान बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गया। विस्फोट की आवाज सुनते ही बाहर खड़ा मांगीलाल घर के अंदर घुसा और पत्नी व बच्चे को बचा कर बाहर लेकर आया, इस दरम्यान मांगीलाल स्वयं भी झुलस गया। देखते ही देखते क्षेत्र में कोहराम मच गया, आसपास लोगों ने तुरन्त उन्हें ट्रोमा सेंटर भर्ती करवाया जहां देर रात दो बजे के करीब पहले बेटा और फिर उसकी माँ इस संसार को छोड़ गई।
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उजड़ गया परिवार
गंगाशहर में महावीर चौक पर वर्षों से छत्तों का ठेला लगाने वाला मांगीलाल अपने हुनर के लिए पहचाना जाता है। जिसे भी यह दु:खद समाचार मिला, हृदय द्रवित हो उठा। मांगीलाल के घर में उसके माता-पिता राधा देवी व तोलाराम प्रजापत का भी रो-रो कर बुरा हाल है। उनके सामने उनका पोता व बहू आग में जल गए। घर में मांगीलाल की 13 वर्षीय बेटी विनीता और 14 वर्षीय बेटा मनोज अपनी मां व छोटे भाई की इस दर्दनाक मौत से स्तब्ध हैं।