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वर्तमान में ‘जाति’ को पुनर्परिभाषित करने की महत्ती आवश्यकता: प्रो. के.एल. शर्मा

बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर द्वारा महर्षि शौनक भवन सभागार में राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. के. एल. शर्मा ने पांचवे महाराजा गंगा सिंह स्मृति व्याख्यान में बोलते हुए कहा कि जाति शब्द को पुनर्परिभाषित करने की महत्ती आवश्यकता वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महसूस की जा रही है। उन्होंने ग्रामीण भारत में जाति, सामाजिक असमानता एवं गतिशीलता विषय पर बोलते हुए बताया कि साठ से सत्तर साल पूर्व ग्रामीण परिवेश में जाति व जातीय सोच वहां-वहां प्रमुखता से उपस्थित रही जहां-जहां सामन्तवादी सोच हावी थी।

अंग्रेज इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि भारत में जाति राजनीतिक अस्तित्व रखती है एवं उस दौर में शुद्धता व अशुद्धता का ‘सिंड्रोम’ सभी कुछ निर्धारित करता था। उन्होंने पचास साल पूर्व जयपुर के आस-पास के पॉच-छः गांवों के गहन अध्ययन व शोध उपरान्त प्रकाशित अपनी पुस्तक का जिक्र करते हुए उस दौर को याद किया जब चार आने में कम्यूनिस्ट मेनिफेस्टो आता था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जाति व्यवस्था लुप्त होकर केवल जाति में परिवर्तित होती जा रही है जो आज राजनीतिक फलक पर प्रमुखता से परिलक्षित होती है।


इससे पूर्व मां सरस्वती व महाराजा गंगा सिंह जी के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण के साथ व्याख्यान प्रारम्भ हुआ जिसमें स्वागत भाषण व्याख्यामाला समन्वयक प्रो. नारायण सिंह राव द्वारा दिया गया। सह-समन्वयक डॉ. मेघना शर्मा ने संयोजन करते हुए मुख्य वक्ता प्रो. के. एल. शर्मा का परिचय से मंच से पढ़कर सुनाया। अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि गांव क्या है व शहर क्या है, इसकी कोई निश्चित परिभाषा अभी तक स्पष्ट नही हो पाई है उन्होंने अपने उद्बोधन में सन् 1980 के बाद से वर्तमान तक विकसित जातीय परिदृष्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि आज से तीस साल पूर्व तक किसानों पर कर्ज जैसी किसी चीज का वजूद ही नहीं था।

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उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि शहरीकरण व परिवर्तन भारतीय परिदृष्य में कहाँ से आया इस विषय पर सूक्ष्म अध्ययन की वर्तमान में आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन उप कुलसचिव डॉ. बिट्ठल बिस्सा ने दिया। समारोह में कुलसचिव  राजेन्द्र सिंह डूडी, प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल, डॉ. जे.एस.खीचड़, डॉ. गिरिराज हर्ष, डॉ. प्रकाश सारण, डॉ. सुरेन्द्र गोदारा, डॉ. मंजू सिखवाल, डॉ. अनन्त जोशी, डॉ. पंकज जैन, डॉ. रितेश व्यास, डॉ. नितिन गोयल सहित शहर के गणमान्यजन एवं भारी संख्या विद्यार्थी उपस्थित थे।

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