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मुकेश पूनिया
बीकानेर। अपराधों का गढ बन चुके बीकानेर में अब शातिर युवतियों ने भी हनी ट्रेप का जाल फैला लिया है,जो रंगीन मिजाजी लोगों को अपने जाल में फंसा कर उन्हें दुष्कर्म के मामले में फंसाने की धमकी देकर लाखों रूपये वसूली करती है,इनके साथ अपराधी किस्म के कई युवक भी मिले हुए है। मालदार आसामियों को फंसानें में माहिर यह शातिर युवतियां पहले नजदीक लगती है,फिर संपर्क बढाती और अंत में हमबिस्तरी के बाद ब्लैकमेल शुरू कर देती है।

ऐसा ही एक मामला अभी नया शहर थाने में सामने आया है,इस मामले में शातिर युवति ने एक व्यवसायी के साथ नजदीकता बढाई और फिर हमबिस्तरी के बाद उससे पचास लाख केस मांगे,मना करने पर दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया। पिछले महिनें इसी तरह का एक मामला रानी बाजार चौपड़ा कटला में भी सामने आया था,जहां प्राईवेट बैंक में नौकरी करने वाले एक प्रतिष्ठत परिवार का युवक शातिर युवति के जाल में फंस गया और करीब छह माह तक ब्लैकमेल होता रहा। बताया जाता है कि शातिर युवति ने उसके लड़के साथ आपत्तिजनक विडियों क्लिप बना ली और रेप केस में फंसाने की धमकी मोटी रकम वसूलने लगी।

आखिरकार पीडि़त युवक ने छह लाख रूपये एकमुश्त चुका कर अपना पिण्ड छुड़ाया। इसके अलावा भी बीकानेर में हनी ट्रेप के ऐसे कई मामले सुर्खियों में आ चुके है। लेकिन बदनामी होने के डर से शातिर हसीनाओं के जाल में फंसे लोग पुलिस और मिडिया के सामने नहीं आते। पुख्ता खबर है कि बीकानेर में फिलहाल हनी ट्रेप के दो गिरोह बने हुए है और दोनों ही गिरोह में कुछ युवतियां शामिल है। इनके नेटवर्क में बदमाश किस्म के युवक और कई वकिल भी मिले हुए है। इनमें शामिल ज्यादात्तर युवतियां बदचलन श्रेणी की होने के कारण अपने घर परिवार वालों के साथ नहीं बल्कि किरायें के मकानों में रहती है। जिस्म फरोशी और हनी ट्रेप जरिये ब्लेकमेलिंग ही इनकी इंकम का का जरिया है। सैक्स रेकेट चलाने वाले लोग भी इनके नेटवर्क में शामिल है। गिरोह में शामिल युवतियां ‘शिकारÓ को फांसने और उसका भरोसा हासिल करने के लिए सबसे पहले मोबाइल नंबरों का आदान प्रदान करती है, फिर वाट्सएप या फेसबुक जैसे सोशल मीडिया के साधनों के ज़रिये चैटिंग करती है और चैटिंग के दौरान अंतरंग तस्वीरें, बेहद निजी राज शेयर किये जाते हैं।

बदनामी के डर से रिपोर्ट नहीं देते लोग
जिला पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हनी ट्रेप से जुड़े मामले तो कई बार सामने आते है,लेकिन पीडि़त लोग अपनी शिकायत दर्ज नहीं करवाते,इसलिये गिरोह में शामिल युवतियंा और युवक पुलिस कार्यवाही से बचे हुए है। पुलिस भी मानती है कि ंगिरोह में कई महिला-पुरुष शामिल हैं। महिलाएं अपनी बातों से लोगों को जाल में फंसाती और फिर उनके अश£ील वीडियो बना लेती। वीडियो बनाने के बाद उक्त व्यक्ति से मोटी रकम की मांग की जाती। मना करने पर वीडियो के जरिए दुष्कर्म, छेड़छाड़ के मामले में फंसाने दी जाती,बदनामी के डर से लोग मोटी रकम देकर अपना पीछा छूड़ा लेते है।

 

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