नोखा। यहां फर्जी वोटर आई डी बनाने को लेकर बुधवार को उपखण्ड अधिकारी रमेश देव ने हनुमान धोरा स्थित कन्हैया ई- मित्र पर कार्रवाई की। उपखण्ड अधिकारी रमेश देव ने बताया की लगातार आ रही शिकायतों के चलते मंगलवार को एक बोगस ग्राहक श्रीकांत भेजा। जिसने मतदाता परिचय पत्र बनाने के लिए फोटो दिया और एक सौ पचास रुपए में परिचय पत्र बनाना तय हुआ। दूसरे दिन मतदाता परिचय पत्र ले जाने को कहा गया। बुधवार को दोपहर जब श्रीकांत कन्हैया ई मित्र पंहुचा तो परिचय पत्र तैयार था इतने में ही उपखण्ड अधिकारी रमेश देव, तहसीलदार द्वारका प्रसाद शर्मा, थानाधिकारी राणीदान चारण ई मित्र में दाखिल हुए तो फर्जी मतदाता परिचय पत्र को काउंटर के दराज में छुपा दिया गया।
मौके पर फर्जी मतदाता परिचय पत्र, दो लेपटॉप, दो कलर प्रिंटर और एक कर्मचारी मौजूद मिले। उपखण्ड अधिकारी रमेश देव ने मुकदमा दर्ज करवाया और बताया कि कन्हैया ई मित्र सेवा केन्द्र कियोस्क संख्या नम्बर 10161802 पर फर्जी वोटर आईडी तैयार की जाती है। इस सूचना के बाद सहायक कर्मचारी श्रीकान्त चारण को एक आईडी बनवाने के लिए एक फोटो व वोटर लिस्ट देकर भेजा गया। इस वोटरलिस्ट में हेमन्त पुत्र प्रेमचन्द निवासी नोखा की फोटो कापी की पर्ची देकर वोटर आईडी बनाने को कहा गया। ई मित्र में मौजूद आशाराम ने फोटो व पर्ची श्रीकान्त से ले ली व 150 रुपये ले लेकर कहा कि आईडी बना के दे दूंगा। बुधवार 11 बजे के बाद आकर ले जाना। बुधवार को उपखण्ड अधिकारी रमेश देव नोखा व द्वारकाप्रसाद तहसीलदार नोखा, सहायक प्रोग्रामर सुभाष छींपा व पुलिस पार्टी को साथ लेकर कन्हैया ई मित्र सेवा केन्द्र के पास पहुंच कर श्रीकांत को आईडी लेने के लिए भेजा।
कन्हैया ई मित्र केन्द्र पर आशाराम ने हेमन्त की वोटर आईडी टेबल की दराज में से निकाली। जिस पर श्री कान्त ने ईशारा देकर उपखण्ड अधिकारी को बुलाया। अचानक पुलिस पार्टी व एसडीएम को देखकर आशाराम ने वोटर आईडी टेबल की दराज में रख ली जिसे लेकर चैक किया तो वहीं हेमन्त कुमार की आईडी बनाई हुई थी जिस पर वही फोटो जो हमने देकर भेजा वो लगा हुआ था। पूर्व उपखण्ड अधिकारी व निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी नोखा श्योराम वर्मा के हस्ताक्षर फर्जी तरीके से स्कैन किये हुए थे। ईमित्र संचालको ंको इस प्रकार वोटर आईडी कार्ड बनाने का लाईसेन्स नहीं है व ही इस प्रकार वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिये प्राधिकृत भी नहीं है। इसको अधिकृत रुप से निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी ही बना सकता है। जो यूजर आई डी और पासवर्ड से खुलता है। तथा ओटीपी जनरेट होती है। जिस पर स्वीकृति होने पर ही इलेक्शन कमीशन से बनकर आता है। ईमित्र संचालक द्वारा इस प्रकार बिना कोई अधिकारिता के फोटोशॉप की मदद से फर्जी वोटर आईडी के निर्धारित फॉर्मेट में फोटोशॉप के जरिये वोटर कार्ड बनाकर फर्जीवाङ़ा किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471, 171 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर आशाराम को गिरफ्तार कर लिया।