बीकानेर। मौसम विभाग ने आगामी चौबीस घंटो के अंतराल में बीकानेर में भारी बरसाती की चेतावनी दी है,लेकिन हकीकत है यह कि आपदा प्रबंधन के कमजोर बंदोश्बों के कारण बीकानेर अभी भारी बारिश की मार झेलने की स्थिति में नहीं है। जानकारी में रहे कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि शनिवार से बीकनेर सहित पश्चिम राजस्थान के इलाकों में बरसात का सिलसिला शुरू हो सकता है।
रविवार को कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार अब राजस्थान के ऊपर मानसून सामान्य हो गया है। शहर के प्रमुख नाले अभी गंदगी और कचरे से अवरूद्ध पड़े है,निचले इलाको में जल भराव के दौर में निकासी के पुख्ता बंदोबश्त नहीं है,शहरी परकोटे समेत अनेक रिहायशी इलाकों में पुराने मकान,इमारतें और हवेलिया जर्जर हालत में है जो तेज बारिश में धराशाही होकर जमींदोज हो सकती है। गंदगी से अवरूद्ध नाले भारी बारिश के दौर में उफान पर आ जाने से प्रभावित इलाकों में बाढ के हालत कायम हो सकते है। जगह जगह क्षतिग्रस्त पड़ी सड़के भी बारिश के दौर में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बन सकती है। हालांकि इन आशंकाओं के चलते जिला कलक्टर ने तमाम विभागों को समन्वय स्थापित कर आपदा के हालातों से निपटने के निर्देश दे रखे है,लेकिन आपदा से निपटने की तैयारिया कुछ नहीं है।
वहीं शहर का नासूर बने बल्लभ गार्डन में गंदे पानी की झील एक बार फिर आस-पास की कॉलोनियों को बर्बाद करने के लिए तैयार है। बरसाती नालों की सफाई के कारण वहां पानी उफान पर है। छोटे-बड़े चार बंधे टूट चुके हैं। भारी बारिश हुई तो वहां पानी और इक_ा होगा। आगे जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण वह पानी वापस आएगा। पिछले साल की तरह ही आस-पास की कॉलोनियों में भर जाएगा। अमृत योजना में सीवरेज पर करीब 140 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, लेकिन इस पानी को लिफ्ट करके दूर भेजने का कोई कारगर उपाय निगम नहीं कर पाया है।
शहर के चार बड़े बरसाती नालों की सफाई के कारण गंदा पानी नागणेची मंदिर के पास वाले नाले से होकर बल्लभ गार्डन में जमा हो रहा है। इससे खेतों को बचाने के लिए बनाए चार बंधे टूट चुके हैं। दो बंधे बड़े होने के कारण सुरक्षित हैं। लेकिन भारी बारिश होने पर उनके भी टूटने का खतरा बना हुआ है। इस पानी को आगे निकालने का कोई रास्ता नहीं है। पिछले साल बारिश में बंधा टूटने के कारण बजरंग विहार और मदन विहार कॉलोनी पानी से घिर गई थी। इस बार फिर वहां के लोग आशंकित हैं। नितिन कुमार और सुभाष जैन का कहना है कि पानी बढ़ता जा रहा है। पिछले साल निगम ने जो बंधा बनाया था, वो कभी भी टूट सकता है।
रेलवे लाइन को भी खतरा
बल्लभ गार्डन की झील के कारण वहां से गुजर रही रेलवे लाइन को खतरा बना हुआ है। पानी उसके दोनों तरफ भर रहा है। एसटीपी से सीवरेज का पानी भी ओवर फ्लो होने के कारण वहां डाला जा रहा है। पानी का बहाव बाइपास पर बने फ्लाई ओवर तक पहुंचने लगा है। बल्लभ गार्डन में जमा पानी को लिफ्ट करके दूर भेजने के लिए सालों पहले करीब 80 करोड़ की योजना बनी थी। इसके तहत तीन तरह के पंपिंग स्टेशन बनने थे, लेकिन बजट अधिक होने के कारण उस पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।
बल्लभ गार्डन की झील के कारण वहां से गुजर रही रेलवे लाइन को खतरा बना हुआ है। पानी उसके दोनों तरफ भर रहा है। एसटीपी से सीवरेज का पानी भी ओवर फ्लो होने के कारण वहां डाला जा रहा है। पानी का बहाव बाइपास पर बने फ्लाई ओवर तक पहुंचने लगा है। बल्लभ गार्डन में जमा पानी को लिफ्ट करके दूर भेजने के लिए सालों पहले करीब 80 करोड़ की योजना बनी थी। इसके तहत तीन तरह के पंपिंग स्टेशन बनने थे, लेकिन बजट अधिक होने के कारण उस पर कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।