बीकानेर। जिले में ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग के चलते हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे वाहन चालकों से सख्ती से निपटा जाएगा। परिवहन तथा पुलिस विभाग इस सम्बंध में सख्ती करते हुए एक संयुक्त अभियान चलाकर कार्यवाही करेगा। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने सोमवार को कलक्टर सभागार में सड़क सुरक्षा पर आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए यह निर्देश दिए।
गौतम ने कहा कि जीवन अमूल्य है और सड़क पर ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तेज गति, शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगे इसके लिए पुलिस, परिवहन तथा राष्ट्रीय राजमार्ग, टोल नाके सहित विभिन्न सम्बंधित एजेसियां समन्वय करते हुए त्वरित और प्रभावी कार्यवाही करें जिससे सड़क दुर्घटनाएं रोकी जा सके। गौतम ने बस आॅपरेटरों से भी कहा कि वे भी अपने बस ड्राइवरों से समझाइश करें और उन्हें सड़क नियमों की अनुपालना करने के लिए कहें ताकि उनका स्वयं का जीवन भी सुरक्षित हों तथा अन्य यात्रियों का सफर भी सुरक्षित बनाया जा सके। बस आॅपरेटर ड्राइवरों से समझाइश करें कि वे अपने बसों में स्पीड गर्वनर लगाएं।
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अनाधिकृत वाहन रूकवाएं, दिखने चाहिए रिजल्ट
जिला कलक्टर ने कहा कि परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करें कि जिले में किसी भी सड़क पर ब्लैकलिस्टेड वाहन ना चलें। अनाधिकृत वाहन रूकवाएं, छतों पर कोई सवारी ना बिठाएं, क्षमता से अधिक सवारी ना लें। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग इस सम्बंध में सख्ती से कार्यवाही करें ताकि प्रतिदिन इसके परिणाम नजर आएं और सड़कों पर सफर करना सुरक्षित हो सकें।
बसों के अंदर बाहर चस्पा हो बोर्ड
जिला कलक्टर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी बसों के अंदर बाहर पुलिस का आपात 100 नम्बर तथा बस मालिक का नम्बर चस्पा हो, साथ ही बोर्ड पर स्पष्ट रूप से हिन्दी में इस सम्बंध में लिखा जाए कि ड्राइवर के तेज गति या शराब पीकर गाड़ी चलाने की शिकायत इन नम्बरों पर की जा सकती है।
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हो रोड सेफ्टी आॅडिट, 15 दिन में दें रिपोर्ट
जिला कलक्टर ने हाल ही हुई सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह सभी सम्बंधित एंजेसियों की समन्वित जिम्मेदारी है कि सड़कें सुरक्षित बनें, इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (सार्वजनिक निर्माण विभाग), एनएचएआई तथा पुलिस विभाग के अधिकारी समन्वित प्रयास करते हुए रोड सेफ्टी आॅडिट करें तथा अगले 15 दिनों में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इस आॅडिट के दौरान ब्लैक स्पाॅट, पशु विचरण क्षेत्र तथा सड़क नियमों की अवहेलना से जुड़े अन्य बिन्दुओं का चिन्हीकरण कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए जिससे इस आधार पर क्विक एक्शन प्लान बनाकर सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
जिला कलक्टर गौतम ने कहा कि आॅडिट टीम जिले के मुख्य कस्बों में रहने वाले स्थानीय लोगों से भी बातचीत करें और वहां सड़क सुरक्षा की मुख्य समस्याओं के बारे में चर्चा कर समस्याओं और उनके समाधान की बिन्दुवार रिपोर्ट तैयार करें। गौतम ने कहा कि परिवहन विभाग सड़कों पर बैठे पशुओं को गौशालाओं में शिफ्ट करवाएं तथा ऐसे पशुओं पर रेडियम लगवाएं।
टोल-नाके से न गुजरें ओवरलोड वाहन
बैठक में जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने सख्त हिदायत दी कि टोल-नाकांे से गुजरने वाले भारी क्षमता वाले ओवरलोड वाहन न निकलें, इसके लिए टोल-नाकों पर आधुनिक तकनीक से युक्त वजन तौलने के उपकरण स्थापित किए जाएं, ताकि भारत सरकार के नियमों के अनुसार जितना टोल-टैक्स लगना है, उसकी वसूली हो सके, साथ ही उन्होंने टोल-टैक्स के प्रबंधकों से कहा कि वाहन चालकों के साथ किसी तरह का न्यूसेंस नहीं करें। अगर गलत व्यवहार की सूचना आई, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने टोल-प्लाजा के प्रबंधकों से कहा कि वाहनों की गति पर भी नजर रखें तथा बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ से लेकर रतनगढ़ तक वाहन को पंहुचने में कितना समय लगता है, इसकी फोर्टनाईटली रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए, ताकि यह एग्जामिन किया जा सके कि वाहन कितनी देर में श्रीडूंगरगढ़ से रतनगढ़ की दूरी तय करता है। अगर निर्धारित समय सीमा से कम समय में वाहन पंहुचता है, तो ऐसे वाहन चालकों के विरूद्ध चालान काटकर सीधे उनके घर भेजा जाएगा और वसूली की जाएगी।
टोल-प्लाजा हटाएगा पशु और डिवाईडर को बनाएगा सुरक्षित
जिला कलक्क्टर ने कहा कि बीकानेर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गुसाईंसर, नौरंगदेसर और सेरूणा गांव से गुजरने वाले राजमार्ग पर अक्सर पशु बैठे रहते हैं, साथ ही यहाँ जो डिवाइडर है, उसमें भी पशु बैठे रहते हैं। ऐसे में अब टोल प्लाजा की यह जिम्मेदारी होगी कि वह डिवाइडर का निर्माण इस तरह से कराएं कि पशु रास्ता क्राॅस न कर सकें और डिवाइडर पर भी ना बैठ सकें, साथ ही टोल-प्लाजा के साथ मिलकर पुलिस, ग्राम पंचायत के कर्मचारी, परिवहन विभाग तथा एन.जी.ओ. इन स्थानों पर बैठने वाले पशुओं के गले या सींग पर रिफ्लैक्टर लगाने की कार्यवाही करेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीक्षण अभियन्ता बसंत आचार्य को निर्देश दिए कि गुसाईंसर, नौरंगदेसर और सेरूणा में डिवाईडर का कार्य अगले 15 दिनों में वे अपनी देखरेख में करवाएंगे।
सांसद-विधायक कोष से एम्बुलेंस खरीदने के होंगे प्रयास
जिला कलक्टर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के बाद घायलों को तत्काल जिला मुख्यालय पर पंहुचाने के लिए अत्याधुनिक एम्बूलेंस की जरूरत रहती है, जिसमें आॅक्सीजन, वेंटीलेटर सहित अन्य सभी आवश्यक जीवन-रक्षक उपकरण हों। इसके लिए बजट की उपलब्धता के लिए जिले के सांसद व सभी विधायकों को आग्रह किया जाएगा। एक एम्बूलेंस की कीमत लगभग 25 लाख रूपये आती है। ट्रोमा सेंटर में भी एमआरआई तथा सीटी स्केन शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.एल.मीणा को निर्देश दिए कि जिले के सभी टोल प्लाजा पर जो एम्बुलेंस रखी हैं, इनकी सघन जांच की जाए कि ये सभी एम्बुलेंस आवश्यक सुविधाओं से युक्त हैं अथवा नहीं, साथ ही गत तीन माह में इन एम्बुलेंसों द्वारा कितने घायलों को जिला मुख्यालय स्थित ट्रोमा सेन्टर सहित अन्य अस्पतालों में पहुंचाया है। उन्होंने टोल प्लाजा के संचालकों से कहा कि उनका जो वाहन नियमित पैट्रोलिंग करता है, वो ये भी सुनिश्चित करे कि अगर रास्ते में कोई मृत पशु पड़ा है, तो उसको तत्काल हटाने की कार्यवाही की जाए। बैठक में बस आॅपरेटर्स ने भी भरोसा दिलवाया कि वे ड्राइवरों से सहयोग लेकर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेंगे।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि यदि किसी भी सड़क पर बसें सड़क नियमों की अवहेलना करती पाई गई तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी। बस आॅपरेटर अपने यहां से ऐसी प्रवृति वाले बस चालकों को निकाल दें। किसी की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए पूरी ताकत से सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही अतिरिक्त रोड़ साइनेज भी लगाए जाएंगे। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए एच गौरी सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 12, दिया जाएगा मुआवजा
इस बीच, सोमवार को जयपुर बीकानेर एनएच पर हुए सड़क हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। गौतम ने बताया कि सभी मृतकों के परिजनों तथा गंभीर घायलोें को नियमानुसार सहायता राशि मुहैया करवाई जाएगी।