बीकानेर। आने वाला समय कोरोना के लिये वरदान साबित होने वाला है जैसा कि हम सब जानते है नमी, उमस, गीलापन किसी भी जीवाणु के लिए एक स्वर्ग के भांति है जीवाणु का जीवन काल इस वातावरण मे और भी सुखद और धीर्धायु हो जाता है। कोरोना का समय चल रहा है अगर कोई उचित प्रबंधक न किया गया तो 21वी शताब्दी का अंत कोरोना काल के नाम से जाना जाइएगा।
कोरोना वायरस ड्रॉपलेट से बढ़ने वाली बीमारी है, चूंकि छीकने, खाँसने के बाद इसके ड्रॉपलेट हवा मे बिखर जाते है और बारिश से हवा मे नमी के कारण ये ड्रॉपलेट लंबे समय तक वातावरण मे मौजूद रहते है। जैसे-जैसे धूप गर्मी बढ़ती है कोरोना ड्रॉपलेट जमीन पर आ जाते है इस दशा मे संक्रमण की संभावनाएं कम रहती है जबकि हवा मे तैरते वायरस तेज़ी से संक्रमण फैलाते है।
बारिश के दिनों मे फ्लू खांसी, जुकाम, बुखार, गले मे खराश/ दर्द, शरीर मे दर्द/ थकावट , अनिंद्रा, बेचैनी जैसे लक्षण दिखते है जो कि कोरोना संक्रमण के लक्षणो की प्रतिलिपी है। ये एक ऐसा दौर है, जहा सभी अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जोर दे रहे है। घरेलू नुस्खों,खानपान, रहनसहन, और अपनी जीवनशैली मे कुछ बदलाव कर के भी हम अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते है। खट्टे फल/ सब्जियां, हरे फल/सब्जियां, रेशेदार फल/ सब्जियां रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोगी है ।
बारिश मे फ्लू के अलावा भी बहुत से घातक रोग मलेरिया, हैज़ा, डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया भी पेर पसरते है,ये बीमारिया मच्छर ओर उनके लार्वा जनित पानी को पीने या मच्छर के काटने से फेलती हैं इनके लिए बारिश का पानी जमा न होने दे, और जहा पानी जमा है वहाँ केरोसिन की कुछ बूंद डाल देवें।
होम्योपैथीक दवा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लक्षणों के आधार पर रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने मे कारगर है। आर्सेनिक एल्बम, रुस्टोक्स, ब्रायोनिया एल्बम, ढलकामारा, फेररम फोस, हिपर सुल्फुरिकम , एलियम सीपा, केमफर, पोडोफायलम, जेल्सीमियम जैसी दवाइयां कोरोना, फ्लू और वायरस जनित रोगों को नष्ट करने मे अविश्वसनीय योगदान दे रही है। – डॉ. यासिर मिर्ज़ा