हेलो बीकानेर । हमारे समाज की मौलिक परम्पराएँ व् संस्कृति से जितना ज़ुडाव रहेगा उतने ही अपराध कम होंगे । आज समाज में जो जितने अपराध बढ़ रहे उसका मुख्य कारण ये की लोग अपनी मूल परम्परा संस्कृति से दूर होते जा रहे है । ये उदगार सी ओ सी टी किरण गोदारा ने ‘रमक-झमक’ के सावा गीत की ऑडियो सीडी के लोकर्पण समारोह में व्यक्त किये । किरण गोदारा ने कहा कि संस्कृति से जितने जुड़े रहेंगे उतने ही अपराध की संख्या में कमी आएगी,उन्होंने कहा कि पुष्करणा समाज और रमक-झमक जैसी संस्था में महिलाएं पुरुष बड़े बुजुर्ग के साथ बच्चे भी समाज की कुरीतियो के विरुद्ध बढ़ चढ़ कर योगदान दे रहे है, दूसरे समाज भी इससे प्रेरणा ले सकेंगे ।
बाल विकाश अधिकारी नरेंद्र सिंह शेखावत ने ‘विवाह सी डी सावे री धूम मची है’ के लोकार्पण के अवसर पर कहा कि बेटे बेटी का लिंगानुपात में अंतर हो रहा है इसका एक कारण दहेज प्रथा भी है ।पुष्करणा समाज के सावा ओलिम्पिक में बिना दहेज के शादियाँ होती है जो समाज व देश के लिये योगदान है।
पुजारी बाबा ने कहा कि सावा में देश भर से लोग आते है और पुलिस प्रशासन व्यवस्था में अधिक मेहनत करनी पड़ती है और इसबार भी अच्छा सहयोग रहेगा ऐसी आशा है । कवयित्री डॉ कृषणा आचार्य ने कहा कि विवाह कि गीतों के माध्यम से व् डीजे की धुन पर कुरीतियों को दूर करने का रमक- झमक संदेश का संदेश हर गली गुवाड तक पहुँचेगा । श्रीमती मिनाक्षी हर्ष ने कहा कि समाज की महिलाओ की जिम्मेदारी बनती है कि विवाह के गीतों को गा कर इनको जीवंत रखे । पुष्करणा महिला मंडल की सेणुका हर्ष व् शारदा पुरोहित ने कहा कि गीत समाज की धरोहर है । डॉ प्रीती गुप्ता ने कहा कि जैसे आयुर्वेद शरीर को स्वस्थ्य रखता है वैसे ही गीत संगीत मन मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखता है, सावा के गीत सुनने से भी प्रसन्नता का अनुभव होता है । इस अवसर पर रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने समाज की प्रशिद्ध लोकगीत व परम्पराओ के गीतों की गायिका श्रीमती पदमा व्यास,इस विवाह सीडी ‘सावा में धूम मची है’ के गायक लेखक बी डी पुरोहित,आनन्द मस्ताना, राजेश ओझा का सम्मान पत्र व रमक झमक शॉल से सम्मान किया गया व सी डी के गायक व लेखक आनंद मस्ताना व बी डी पुरोहित ने इन गीतों में पौराणिक शब्दो के साथ आधुनिक धुन के साथ जोड़ा है। इस अवसर पर नगेन्द्र किराड़ू, अशोक बोहरा, शारदा पुरोहित, श्याम कल्ला,आर के सुरदासनी, आंनद ओझा आदि मौजूद थे। अतिथियों का स्वागत रतनलाल महाराज ने किया। फोटो राजेश छंगाणी