जयपुर hellobikaner.com कृषि विभाग WhatsApp के माध्यम से खेती से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी सीधे काश्तकारों तक पहुंचाएगा। इसके लिए प्रदेश में करीब 5 हजार WhatsApp ग्रुप बनाकर 5 लाख किसानों को जोड़ा गया है।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि कृषि विभाग की योजनाओं, खेती के उन्नत तरीकों एवं नवाचारों का धरातल पर लाभ लेने के लिए किसानों को समय पर इनकी जानकारी होना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए गत 16 सितम्बर को अन्तर विभागीय कार्यदल की बैठक में काश्तकारों को मीडिया के अन्य माध्यमों के साथ व्हाट्स एप से सूचनाएं पहुंचाने का निर्णय लिया गया।
प्रत्येक कृषि पर्यवेक्षक को अपने क्षेत्र के 250 प्रगतिशील किसानों का व्हाट्स एप ग्रुप बनाकर काश्तकारों के नवाचार, नई जानकारी एवं तकनीक शेयर करने के निर्देश दिए गए थे। राज्य में 5 हजार 526 कृषि पर्यवेक्षक कार्यरत हैं। अभी तक 4 हजार 786 व्हाट्स एप ग्रुप बनाए गए हैं। अन्नदाता, प्रगतिशील किसान, धरतीपुत्र, समृद्ध किसान, उन्नत किसान, उन्नत खेती री बातां जैसे व्हाट्स एप ग्रुप से अब तक 4 लाख 93 हजार 372 कृषक जुड़ चुके हैं। व्हाट्स एप ग्रुप से किसानों को जोड़ने का कार्य लगातार जारी है। कोई भी इच्छुक काश्तकार अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक से सम्पर्क कर इससे जुड़ सकते हैं।
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कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीना ने बताया कि कृषि पर्यवेक्षक सफलता की कहानियां, डॉक्यूमेंट्री सहित महत्त्वपूर्ण विभागीय योजनाओं की सूचनाएं एवं खेती से जुड़ी स्थानीय जानकारी व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से किसानों से साझा करेंगे। इससे काश्तकारों को विभागीय योजनाओं एवं खेती की आधुनिक तकनीक से रूबरू कराया जा सकेगा।
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उन्होंने बताया कि कृषि अधिकारी समय-समय पर फसलों में होने वाले रोग प्रकोप से बचाव के लिए दवा की जानकारी भी किसानों से साझा कर सकेंगे। टिड्डी जैसे कीट प्रकोप से निपटने में भी यह ग्रुप मददगार साबित होंगे। अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखा एवं कीट प्रकोप के समय किसानों को नियत अवधि में बीमा कंपनियों को फसल खराबे की सूचना देने के लिए जागरूक किया जा सकेगा, ताकि प्रभावित पात्र बीमित किसान को मुआवजा मिल सके।