बीकानेर hellobikaner.in आरटीई के अंतर्गत बकाया राशि के तुरंत भुगतान, सत्र 2020-21 के अंतर्गत आरटीई का भुगतान अग्रिम करने, बकाया फीस वसूली से नहीं रोकने, बोर्ड की संबद्धता शुल्क वसूली बंद करने तथा नो माह से बंद पड़े स्कूलों को शीघ्र खोले जाने के संबंध में प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस ( पैपा ) ने राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को मांग पत्र दिया है।
पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने यह मांग पत्र सोमवार को उन्हें शिक्षा मंत्रालय, जयपुर में मुलाकात कर दिया। मांग पत्र में बताया गया है कि आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित स्टूडेंट्स की बकाया राशि का भुगतान 31 दिसंबर 2020 तक आवश्यक रूप से करवाए जाने की व्यवस्था कराएं। बार बार अनेक संस्थाओं और संगठनों द्वारा मांग किए जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाना, गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के अधिकार के विरुद्ध है। इस पत्र के माध्यम से मंत्री को को अवगत कराया गया है कि आगामी 31 दिसंबर 2020 तक आरटीई के अंतर्गत सत्र 2019-20, सत्र 2018-2019, सत्र 2017-2018, सत्र 2016-2017 एवं इस से पहले के भी बकाया समस्त क्लेम बिलों का भुगतान किया जाना सुनिश्चित कराएं।
सत्र 2018-2019 के अंतर्गत 30-11-2019 तक वाले बैरियर को हटाने की कार्यवाही हेतु पुरजोर पैरवी करते हुए पैपा ने सत्र 2019-20 के द्वितीय क्लेम के भुगतान की व्यवस्था भी 31 दिसंबर 2020 तक कराने की मांग की है तथा चेताया है कि 31दिसंबर 2020 तक भुगतान नहीं किए जाने की स्थिति में राज्य की गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को आंदोलनात्मक रूख अख्तियार करना उनकी मजबूरी रहेगी, जिसका समस्त उतरदायित्व सरकार का होगा। ज्ञापन में मांग की गई है कि आरटीई के अंतर्गत वर्तमान सत्र 2020-21 का पुनर्भरण अग्रिम रूप से किया जाए ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु पिछले लगभग 9 महीने से बंद पडे़ स्कूलों को आंशिक आर्थिक सहयोग प्राप्त हो सके।
वर्तमान सत्र 2020-21 में आरटीई के अंतर्गत प्रवेशित स्टूडेंट्स की एंट्री पोर्टल पर नहीं होने के कारण रही है, पोर्टल को पुनः शुरू करवाने की मांग भी पुरजोर रूप से की गई है। मांग पत्र में कहा गया है कि गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की गत सत्र 2019-20 तक बकाया फीस वसूली से रोकने के कारण उनकी वित्तीय स्थिति पूरी तरह से गड़बड़ा गई है। अतः पिछले साल तक की बकाया फीस वसूली के लिए किसी भी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए जाए। अपितु अभिभावकों को निर्देशित किया जाए कि उन्हें बकाया राशि का भुगतान तुरंत करना चाहिए। इसके अलावा मांग पत्र में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर द्वारा प्रतिवर्ष संबद्धता शुल्क के नाम से दो हजार रुपये की मनमानी वसूली समाप्त करने की मांग भी की गई है।
मांग पत्र में कहा गया है कि नो माह से शिक्षण संस्थान बंद पड़े हैं। सभी तरह की गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं। बस, ट्रेन, बाजार, समस्त तरह के सरकारी और निजी दफ्तर भी खुल गए हैं। जब यहां कोरोना संक्रमण का डर नहीं है तो फिर केवल शिक्षण संस्थाओं को ही बंद रखे जाने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है। लगभग सभी स्टूडेंट्स ट्यूशन या कोचिंग के लिए अवैधानिक तरीके से पढ़ाई हेेतु जा रहे हैं, फिर वैधानिक रूप से शिक्षण संस्थाओं को खोले जाने में क्या समस्याएं आ रही हैं? अतः तुरंत ही सभी तरह के शिक्षण संस्थाओं को शुुरू किए जाने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए।
इस अवसर पर शिक्षामंत्री डोटासरा ने कहा कि 18 दिसंबर को शिक्षा संकुुल, जयपुर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, शिक्षा निदेशालय व विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों के साथ गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं के संगठनों के प्रतिनिधियों की मिटिंग का आयोजन रखकर गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं की वाजिब समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जाएंगे।