बीकानेर hellobikaner.in 85 साल के पिता और बेटे का ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा था। मानो, हमारे परिवार पर कोई वज्रपात हो गया। संकट के इस दौर में कोविड अस्पताल में मिली सेवाएं हमारे जीवन की रक्षा में वरदान साबित हुईं। ऐसी परिस्थितियों में रात बारह बजे खुद जिला कलक्टर हमें संभालने आए तो लगा मुसीबत में प्रशासन भी हमारे साथ खड़ा है।
यह कहना है गंगाशहर में रहने वाले उद्यमी मनोज सेठिया का। सेठिया ने बताया कि एक साथ बारह सदस्य कोरोना पाॅजिटिव आ गए तो ऐसा लगा कि जीवन रुक सा गया। पिता और बेटे के फैंफड़ों का संक्रमण बढ़ गया था और आॅक्सीजन का स्तर लगातार घट रहा था। डाॅक्टरों की सलाह पर उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती करवाया। यह दौर उनके लिए संकट का दौर था, लेकिन इस समय में डाॅक्टरों ने मानो उन्हें जीवन दान दिया।
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सेठिया ने बताया कि नौ दिन के दौरान उन्होंने पाया कि कोविड अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहतर थी। एक बार खुद जिला कलक्टर रात को लगभग 12 बजे वहां पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इससे उनके परिवार और वहां भर्ती अन्य मरीजों के मन में व्यवस्था के प्रति विश्वास और प्रगाढ़ हुआ। इस दौरान सीएमएचओ भी आए और अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी लगातार संभाला।
मनोज के पुत्र मयंक सेठिया ने बताया कि कोविड अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान उन्हें बेहतर उपचार मिला। सभी डाॅक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य की जांच करते और इसी कारण वह ठीक होकर घर पहुंच गया। दीपावली से ठीक पहले ऐसा होना उनके परिवार के लिए बहुत बड़ी खुशी साबित हुई।
उनके परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति 85 वर्षीय मालचंद सेठिया व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए बोले, ‘डाॅक्टरों की सेवा भावना को प्रकट करने के शब्द उनके पास नहीं है। जब वह भर्ती हुए तो उन्हें सांस लेने में बहुत परेशानी थी, लेकिन प्रशासन और डाॅक्टरों के समर्पण भाव के कारण संकट का वह दौर निकल गया। अब वह और उनके परिवार के सभी सदस्य पूर्णतया स्वस्थ हैं।