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बीकानेर,। जिला क्षय निवारण, केन्द्र, बीकानेर की और से कोटा खुला विश्वविध्यालय, बीकानेर २ाॉखा में क्षय रोग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुऐ संस्थान के निदेशक डॉ. सुभाषचन्द्र ने बताया की टीबी एक संक्रामक बिमारी है एवं युवाओं को इस अभियान से जुड़ कर सक्रिय भागीदारी निभानी चाहीये जिससे समाजे में टी.बी (क्षय) रोग नियंत्रण हेतु जनजागृता आयें। उक्त अवसर श्री सुभाषचन्द्रा द्वारा टीबी जागरूकता हेतु २ााला जागरूकता बेनर का विमोचन किया गया।

जिला समन्वयक विक्रम सिंह राजावत ने बताया कि आमजन में टी.बी रोग की जागरूकता आवश्यक है क्योकि क्षय रोग संक्रामक बीमारी है अतः इससे बचाव ही इसका प्रथम उपचार है चूंकि यह बीमारी माइकोबेक्टिरीयम टयूबरक्योलोसिस जीवाणु द्वारा हवा से फेलती है। इसीलिए टी.बी रोगी को खांसते, छिकते, थूकते समय सावधानी रखती चाहिए मूंह ठककर रखना चाहिए। विक्रम सिंह ने बताया कि टी.बी रोगी को नियमित दवाईयों का सेवन करना चाहिए। महीलाओं में गर्भाषय कि टी.बी कि सम्भावना अधिक होती है। बच्चों में भी टी.बी हो सकती है। युवावर्ग में बढती धुम्रपान, नशे की प्रवृति के कारण २ारीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती हैं। जिसके कारण टीबी की सम्भावना बढ़ जाती हैं।
अगर सामान्यतय किसी को भी 2 सप्ताह से अधिक खांसी होतो चिकित्यक की सलाह से बलगम की जांच करवाए। टी.बी की जांच व इलाज बिलकुल निःशुल्क है। डाटस प्रणाली द्वारा टी.बी का इलाज किया जाता है।
उक्त आयोजन में प्रो.यशोदा चौहान, प्रेरणा तोमर, जितेन्द्र अग्रवाल सुरेन्द्र, मान सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किये।

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