बीकानेर hellobikaner.in आश्चिन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा व्रत और रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। कुछ क्षेत्रों में इस व्रत को कौमुदी व्रत भी कहा जाता है। इस दिन चन्द्रमा व भगवान विष्णु का पूजन, व्रत कथा पढ़ी जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन चन्द्र अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होते हैं।
इस पावन पर्व पर बीकानेर शहर के विचित्र वीर हनुमान मण्डल द्वारा 11वां शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। आयोजकों के अनुसार इस दिन भगवान हनुमान जी के खीर का प्रसाद लगाया जाता है। यह महोत्सव पिछले ११ सालों से मनाया जाता है।
ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र प्रसाद व्यास (ममू महाराज) ने बताया कि इस चन्द्रमा पूर्ण कलाओं से युक्त होता है और चंद्र रश्मियों से अमृत बरता है। इसी कारण खीर, बडक व मतीरा खुले आसमान के नीचे रोशनी में रखने की परम्परा है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अनुष्ठान होते है अनेक मंदिरों में खीर का प्रसाद लगाकर वितरण किया जाता है। शहर के विभिन्न हनुमान मंदिरों में इस दिन विभिन्न आयोजन होते है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा की किरणों से अमृत बरसता है।
व्यास ने बताया कि विचित्र वीर हनुमान मण्डल द्वारा इस बार ५६ किलो खीर का प्रसाद हनुमान जी को लगाकर वितरण किया गया। इस आयोजन में नगर विकास न्यास सचिव नरेन्द्र सिंह पुरोहित (आरएएस),एडीईओ सुनिल बोड़ा, यागवेन्द्र त्रिवेदी, बदरसा जोशी, सुरेश श्रीमाली, महेश व्यास, परशुुराम श्रीमाली, प्रमोद शर्मा, गणेश श्रीमाली, आचार्य जी, डॉ. राहुल व्यास आदि गणमान्यजन उपस्थित थे।