खबर सर्किल पत्रकार राजेश के ओझा की कलम से …
बीकानेर। जी हां सही पढ़ा आपने “नजरों से नजरें मिली और हो गया आई…” आई फ्लू से संक्रमित व्यकित से नज़रें अगर आपने मिला ली या उसके सम्पर्क में आ गए तो आप को भी आई फ्लू हो सकता है। हमारे बीकानेर में ही नहीं बल्कि भारत के कई राज्यों में ये बीमारी तेजी से फ़ैल रही है।
अब तो जिसको भी चश्मा पहने देखों पहला विचार यही आता है की इनको भी आई फ्लू हो गया लगता है। छोटे बच्चों से लेकर बड़ो तक इसकी चपेट में आ चुके है। स्कूलों में बच्चों को चश्मा पहनकर आने की हिदायत दी गई है। अस्पताल में काफी संख्या में इससे संक्रमित व्यक्ति पहुंच रहे हैं।
मौसम ने बदलाव के साथ ही लोगों में आई फ्लू तेजी से फैल् रहा हैं। इस बीमारी को लेकर जागरूक रहने की आवश्यकता है वरना परिवार का एक सदस्य को आई फ्लू होगा और वो पूरे परिवार को इसकी चपेट में ले लेगा। बरसात के मौसम में कई बीमारियां आती हैं।
जिन इलाकों में लगातार बरसात का पानी जमा हो रहा है, वहां यह बैक्टीरिया तेजी से पनपता है और सीधा आंखों पर हमला करता है कई प्रकार की अन्य बीमारियां भी बढ़ती है। कंजेक्टिवाइटिस उनमें से एक है।
बचाव : आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को पानी से बार-बार आंखों को धोते रहना चाहिए। उसे टीवी मोबाइल जैसी चीजों से दूरी बनाये रखनी चाहिए। एक-दूसरे का तौलिए, रूमाल सहित अन्य कपड़ो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आई फ्लू वाले व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचना चाहिए। काले चश्मे का उपयोग करना चाहिए।
लक्षण : आखों में जोर से खुजली आना, आंख लाल होना, पलकों के ऊपर पीले रंग का गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ बनना, आंखों से दिनभर पानी बहना, आखों पर सुजन आना। अगर ऐसा हो रहा है तो तुरंत आखों के डॉक्टर से परामर्श करें।