स्थानीय कला और आधुनिकता के समावेश से मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधाएं
हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, बीकानेर। राजस्थान का प्रमुख शहर होने के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखता है। बीकानेर क्षेत्र में उत्कृष्ट रेल सुविधाएं प्रदान करने के क्रम में रेलवे द्वारा बीकानेर स्टेशन का लगभग 471 करोड़ रूपये की लागत से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार बीकानेर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य महाप्रबन्धक श्री अमिताभ के दिशा निर्देशन में युद्ध स्तर पर चालू हो गया है। वर्तमान में इस कार्य का एस्टीमेट और डीपीआर स्वीकृत हो चुका है। 38 लाख रुपए की लागत से पूरे प्रोजेक्ट के लिए कंसल्टेंसी का टेंडर दिया जा चुका है जो पूरा होने वाला है। वर्तमान में टेंडर शेड्यूल, ड्राइंग इत्यादि बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन है।
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि बीकानेर स्टेशन बिल्डिंग के निर्माण में स्थानीय कला, हैरिटेज और आधुनिकता का समावेश किया जाएगा। स्टेशन पर भूतल व 9 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा, जिसमें 3 मंजिल पर यात्री सुविधाएं विकसित की जायेगी तथा अन्य मंजिलों को वाणिज्यिक गतिविधियों के लिये उपयोग में लिया जायेगा। स्टेशन बिल्डिंग का 46 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माण किया जायेगा इसके साथ ही 47 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र को सर्कुलेटिंग एरिया व पार्किंग के लिए विकसित किया जाएगा।
मुख्य स्टेशन बिल्डिंग में आगमन/प्रस्थान हेतु अलग-अलग प्रवेश व निकास द्वार, 98 X 36 वर्ग मीटर का एयर कोनकॉर्स, कवर्ड प्लेटफार्म, लिफ्ट व एस्केलेटर की सुविधा, फुट ओवर ब्रिज, अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वेटिंग रूम, शॉपिग कॉम्पलेक्स, एग्जीक्यूटिव लाउंज, उन्नत व मानक स्तर की लाइटिंग, फुड कोर्ट इत्यादि का प्रयोजन रखा गया है। वृद्धजनों, दिव्यांगजनो, महिलाओं और यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर 38 लिफ्ट व 24 एस्केलेटर भी लगाए जायेगे। इसके साथ ही स्टेशन पर दिव्यांगजन अनुकूल सुविधाएं, संकेतक, शौचालय, बेगेज स्कैनर, मैटल डिटेक्टर तथा कोच गाइडेन्स बोर्ड व ट्रेन इन्डिकेटर इत्यादि के साथ समस्त प्रकार की आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
स्टेशन पुनर्विकास में ऊर्जा खपत में कमी के लिए ग्रीन बिल्डिंग आधारित सुविधाएं होंगी, जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे का उचित निस्तारण, वर्षा जल संचयन आदि जैसे संसाधनों से युक्त होगी। स्टेशन पर हरित और पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा प्लांट भी स्थापित किया जाएगा।