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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.in,                   जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा है कि 45 हजार करोड़ रूपए की संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) पूर्वी राजस्थान के लिए जीवनदायिनी साबित होगी।

 

 

 

 

 

शर्मा ने रविवार को पूर्वी राजस्थान दौरे के दूसरे दिन विभिन्न जिलों में आयोजित आभार सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र में सिंचाई तथा पेयजल की बरसों पुरानी समस्या का समाधान होगा तथा खेतों में भरपूर सिंचाई होने से अब यह धरती भी सोना उगलेगी। उन्होंने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी मंशानुरूप इस परियोजना में अब 90 प्रतिशत फंडिंग केन्द्र सरकार द्वारा की जाएगी तथा केवल 10 प्रतिशत अंशदान ही राज्य सरकार को वहन करना होगा। साथ ही इस परियोजना की डीपीआर में सम्मिलित 26 बांधों के अलावा इसमें 122 बांधों को और जोड़ा जाएगा।

 

 

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश की प्रगति तभी संभव है जब अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का कल्याण हो। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के इसी संकल्प को साकार करने के लिए  मोदी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य की हमारी डबल इंजन सरकार गरीबों तथा वंचितों के कल्याण के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री द्वारा गरीब कल्याण की योजनाओं को धरातल पर मूर्त रुप देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जन धन योजना, हर घर शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित ऐसी विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिससे आम आदमी सशक्त तथा समृद्व बन सकें। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा भी पीएम सम्मान निधि को छह हजार रुपए से बढ़ाकर आठ हजार रूपए करने, किसानों को गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 125 रूपए का अतिरिक्त बोनस, पेंशन में 150 रुपए की बढ़ोतरी कर एक हजार 150 रुपए करने जैसे निर्णय लिए गए है जो राज्य सरकार की युवाओं, गरीबों, महिलाओं तथा किसानों सहित सभी वर्गां के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता दर्शाता है।

 

 

 

 

शर्मा ने कहा कि आमजन को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हमारी पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की शुरूआत की गई थी। जिसके तहत जल संरक्षण एवं संग्रहण को बढ़ावा दिया गया था। इसी योजना को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान सरकार ने 11 हजार 200 करोड़ रूपए का प्रावधान करते हुए मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत अगले चार वर्षों में 20 हजार गांवों में पांच लाख जल संग्रहण ढांचे बनाए जाएंगे।

 

 

 

 

 

श्री शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार का गठन होने के दो माह में ही शेखावटी क्षेत्र को यमुना नदी से पानी उपलब्ध कराने के लिए ताजेवाला से प्रवाह प्रणाली के क्रम में केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय एमओयू हुआ है। इससे इस क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

 

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने राजस्थान की महत्वाकांक्षी परियोजना ईआरसीपी पर केवल राजनीति कर थोथे वादे किए। उनके द्वारा भ्रष्टाचार तथा तुष्टीकरण की राजनीति की गई। जबकि हमारी सरकार बनने के मात्र डेढ़ महीने के अन्दर ही इस परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्र एवं मध्यप्रदेश सरकार के साथ एमओयू कर वादे को साकार करते हुए इसे धरातल पर लागू करने के लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में किए गए हर वादे को राज्य सरकार समयबद्ध रूप से पूरा करेगी।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि केन्द्र की तरह ही अन्य प्रदेशों की सरकारों से भी हमें पूरा सहयोग मिल रहा है। ईआरसीपी के ऐतिहासिक एमओयू को साकार करने में मध्यप्रदेश सरकार का सहयोग मिला, तो कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में छत्तीसगढ़ सरकार ने अहम योगदान दिया। इसके साथ ही शेखावाटी क्षेत्र को जल उपलब्ध कराने के लिए ताजेवाला हैड वर्क्स के एमओयू में हरियाणा सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

 

 

 

इस मौके केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी परियोजना पूर्वी राजस्थान की जीवनरेखा साबित होगी तथा इस क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) को प्रमुख प्राथमिकता वाली पांच लिंक परियोजनाओं में शामिल किया है, जिससे इस योजना पर त्वरित गति से कार्य होगा। उन्होंने कहा कि एकीकृत ईआरसीपी आजादी के बाद प्रदेश की सबसे बड़ी नहर परियोजना होगी जिसमें प्रदेश के नये जिलों सहित कुल 21 जिलों की साढ़े तीन करोड़ आबादी को अगले पांच दशक तक पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना के बाद देश की यह दूसरी नदी लिंक परियोजना है। इससे प्रदेश के पूर्वी हिस्से में दो लाख 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

 

 

 

 

इससे पहले धौलपुर के बाड़ी में आयोजित आभार सभा में मुख्यमंत्री ने राजीविका स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को 12 करोड, 6.50 करोड़ तथा 2.41 करोड़ के चैक भी वितरित किए। आभार सभाओं और धन्यवाद कार्यक्रमों में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैयालाल, सांसद सी.पी. जोशी, डॉ. मनोज राजोरिया एवं सुखबीर सिंह जौनापुरिया सहित कई विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे।

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