हैलो बीकानेर, राजेश रतन व्यास । बीकानेर फायर वक्र्स एसोसिएशन की शुक्रवार को बैठक रखी गई। इसमें एसोसिएशन ने फोर्टीज द्वारा शुक्रवार के उद्योग एवं व्यापार बंद का समर्थन किया है। बैठक में अध्यक्ष लूणकरण सेठिया, सचिव वीरेन्द्र किराडू, उपाध्यक्ष बनवारी लाल अग्रवाल, लक्ष्मण पंजाबी, भंवरलाल व्यास, नरेन्द्र खत्री, संयुक्त सचिव नारायण पंजाबी, मुकेश भारती एवं पटाखा व्यवसाय से जुड़े कारोबारी उपस्थित थे। अध्यक्ष सेठिया ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से जिला कलक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन भेजा गया है। इसमें सेठिया ने बताया कि पटाखा कारोबारियों की मुख्य मांग जीएसटी की 28 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की जाए। पटाखा व्यवसाय कुटीर एवं लघु उद्योग श्रेणी में आता है जो श्रम आधारित है। इसके चलते 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना असंभव है। एसोसिएशन के सचिव वीरेन्द्र किराडू ने बताया कि भारत में पटाखा उत्पादन की इकाईयों की संख्या 1200 है। इसमें 800 इकाईयां शिवाकाशी व 400 अन्य प्रांतों में है। जिसमें से 51 प्रतिशत बड़ी इकाईयां 12.5 प्रतिशत एक्साइज का भुगतान करती है एवं अन्य इकाईयों स्माल स्केल इंडस्ट्रीज के तहत पंजीकृत है। जिनका सालाना उत्पादन 1.5 करोड से कम है। इस कारण वे इकाईयां 14.5 प्रतिशत वेट अथवा 2 प्रतिशत सीएसटी का भुगतान कर रही है। चूंकि 12.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी एवं 14.5 प्रतिशत वेट का योग कर 28 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित की गई है, जिसके फलस्वरूप 25 प्रतिशत माल की लागत बढ़ जाएगी।
ड्रेगन के बाद जीएसटी से संकट
अध्यक्ष लूणकरण सेठिया के अनुसार पिछले कई समय से पटाखा उद्योग आयातित चाइनीज पटाखों के कारण वैसे ही संकट में चल रहा है। ऐसे में 28 प्रतिशत जीएसटी करने से यह व्यवसाय निश्चित रूप से खत्म हो जाएगा। चूंकि देशभर में 10 लाख से अधिक लोग पटाखा फैक्ट्रियों में कार्यरत है और जीएसटी कम नहीं किया गया तो अनेक इकाईयां बंद हो जाएगी। इसलिए एसोसिएशन केन्द्र सरकार के इस फैसले का विरोध करती है। साथ ही 30 जून से समस्त फैक्ट्रियों में अनिश्चितकालीन उत्पादन बंद करने का निर्णय करती है। शुक्रवार को पूरे बीकानेर में पटाखा व्यवसाय बंद रखे गए।