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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.in, बीकानेर। उड़ता पंजाब की तरह छोटीकाशी कहलाने वाला हमारा शहर भी अब उड़ता बीकानेर बनता जा रहा है। यहाँ पर युवा नशे के दलदल में दिन ब दिन धसते जा रहे है। शहर के युवा अफीम, चिट्टा, गांजा, एम डी, स्मेक, टेबलेट व इंजेक्शन जैसे जानलेवा नशे का सेवन कर रहे है। जिससे बीकानेर शहर जो की अपनी भुजिया नमकीन के नाम से प्रसिद्ध हुआ करता था अब नशे से पहचाने जाना लगा है बीकानेर का नशा बॉर्डर तक तक पहुच गया है।

इस नशे के जद में शहर के 12-13 साल से लेकर 20 साल के बच्चों के साथ साथ बच्चियां भी फंसती जा रही है। यह सब बातें आज बीकानेर के सर्किट हाउस में नशा रोको अभियान के तहत आयोजित प्रेस वार्ता में भगवान सिंह मेड़तिया ने बताई। मेडतिया ने कहा की नशे पर रोकथाम के लिए शहर का युवा अब सडक़ पर उतरेगा और नशे के कारोबार करने वालों पर कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर जन आन्दोलन करेगा। इसकी शुरुआत सोमवार 28 अक्टूबर को ‘नशा रोको अभियान’ के अंतर्गत जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर की जाएगी।

मेडतिया ने नशे के बढ़ते कारोबार के लिए पुलिस प्रशासन भी दोषी ठहराते हुए कहा की पुलिस वोलों को जब हमारा जैसा नागरिक जाकर कहे की हमारे मौहल्ले में नशा बिक रहा है महिलाएं सुरक्षित नहीं है बच्चियां सुरक्षित नहीं है स्कूल बच्चे जा नहीं सकते तो उनका कहना है की बताओं कहा नशा बिक रहा है मतलब सूरज को रोशनी दिखाने वाली बात हो गई हम थानाधिकारी को बताएं की नशा कहा बिक रहा है। सब थानों को पता है की थानों का पुराना स्थाफ़ उनसे बंधी लेता है मैं सरेआम मीडिया के सामने कहना चाहता हूँ की बहुत बड़ा बंधी का खेल चल रहा है।

 

पूर्व में जो पुलिस अधीक्षक मोहदया बताया की समय आने पर कलेक्टर बदलते है, एस पी बदलते है थानाधिकारी बदलते है लेकिन जो जड़ है जो थानों के कास्टेबल, हवलदार व एएसआई जो सर्विस लगने के बाद आज तक उन्ही थानों में बैठे है 15-20 साल हो गए, थानाधिकारी कहते है की जब हमारी टीम पहुचती है उनके पास पहले सुचना पहुच जाती है। मेडतिया ने बताया की भाटों का बास, ओडों का बास, नत्थूसर गेट, मुक्ताप्रसाद, गोचर, बगेचियाँ ये नशे का गढ़ बने हुए है।

इस अभियान से जुड़े वेद व्यास ने कहा की यह अभियान पूरे वर्ष भर चलेगा यह अभियान अलग अलग प्रकार से जन जागरण के तरीकों से चलेगा जब तक समाज में जाग्रति नहीं आएगी तब तक नशे को नहीं रोका जा सकता। पुराने समय में जब शहर में कोई नया व्यक्ति आता था तो उसे शहर के पाटों पर बैठे बुजुर्ग पूछा करते थे की आप कौन है ? क्या काम है ? ये रोक और टोक बंद हो गई है।  सबसे एस पी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया जायेगा।

व्यास ने कहा की दीपावली के त्योहर के बाद इस अभियान को गति देंगे। अलग अलग मौहल्लों में जाकर छोटी छोटी इकाई बनाई जाएगी, मौहल्लों में जनजागरण के लिए कार्यक्रम किये जायेंगे, परिवारों के साथ मीटिंग की जाएगी ताकि वो बच्चो के उपर ध्यान दे सके। रात के समय छोटे छोटे बच्चे मोटर बाइक लेकर घूम रहे होते है जब तक उनके परिवार वालें उन पर अंकुश नहीं लगायेंगे तब तक इस नशे जैसी बड़ी समस्या का समाधान नहीं होगा।

व्यास ने बताया की उसके बाद स्कूलों, कॉलेज व कोचिंग सेंटर से संपर्क किया जायेगा क्युकी यहाँ पर सर्वाधिक युवा पीढ़ी मौजूद है। इन बच्चों से वार्ता करके उन्हें अपना पन देकर समझाया जायेगा। इस अभियान के लिए छोटे छोटे वीडियो क्लिप बनाई जाएगी और भी तकनीकी का सहारा लिया जायेगा जिससे नशे को रोका जा सके। हमारे इस अभियान के साथ मनो चिकित्सक डॉ सिद्धार्थ असवाल जुड़े है इन्होने अपनी पूरी टीम लगाई है जो नशे में लिप्त बच्चो का इलाज हो सके और नए बच्चे नशे की गिरफ्त में न आये इसके लिए प्रयास किया जा सके।

इस आयोजन से जुड़े लोगों से जब मीडिया ने सवाल किया की इस अभियान में ओर कौन आप के साथ जुड़ेंगे तो उन्होंने बताया की अभी तो नशे की विरुद्ध इस अभियान की शुरुवात की जा रही है इस अभियान में पार्टी और  राजनीती से उपर उठकर सभी को साथ में लिया जायेगा।

बीकानेर में नशा रोका अभियान के तहत आयोजित प्रेस वार्ता में भगवान सिंह मेड़तिया, गोपाल कूकना, संतोष पुरोहित, डॉ सिद्धार्थ असवाल, जसराज सिंवर, वेद व्यास, भवानी पाईवाल, जितेंद्र सिंह भाटी, बजरंग तंवर, शुभम भोजक व भव्य दत्त भाटी उपस्थिति रहे।

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