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हैलो बीकानेर,। बीकानेर शहर शांत शहर है लकिन यहाँ की शान्ति छिनी है तो यहाँ के आवारा पशुओ ने, आये दिन यहाँ पर आवारा पशुओं की लड़ाई से काफी नुकसान हो रहा है। चलते फिरते लोगो को गोधो ने हॉस्पिटल का रास्ता दिखा दिया है । इन आवारा पशुओं ने तो बच्चो और बुजुर्गो का घर से निकला तक मुश्किल कर रखा है। अब ये नजारा आम हो गया है हर गली मोह्हाले में कम से कम 2-5 आवारा गोधे आप को नज़र आ ही जायेंगे । शहर की तंग गलियों में इनकी लड़ाई में काफी गाडियों को भी नुकसान पहुचता है। इसका समाधान आम इंसानों के हाथ में नहीं है। जल्द ही निगम को इसके लिए ठोश कदम उठाना पड़ेगा। हैलो बीकानेर को फेसबुक पर राजकुमार व्यास की फेसबुक आई डी महापौर जी के नाम सन्देश मिला जिसे आप भी गौर से पढ़े …

महापौर जी आखिर कब तक भीतरी शहर के वाशिंदे गोधो के आंतक को सहन करते रहेंगे ।

बीकानेर शहर के भीतरी क्षेत्र में रघुनाथसर कुआ एक ऐसा स्थान है जिसके आधा किलोमीटर क्षेत्र में अनेक मन्दिर है अनेक शिक्षण संस्थाये यथा स्कुल/कॉलेज है जहाँ एक और हजारो की सख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है जिनमे सभी वर्ग व्रद्ध महिलाये/पुरुष और बच्चे सम्मलित होते है इसी तरह छात्र/छात्राओ का सिलसिला सुबह 6.30 से शुरू होता है जो निरन्तर साय 7-8 बजे तक अनवरत जारी रहता है साथ ही घनी आबादी क्षेत्र । किन्तु आवारा पशुओ की अनगिनत सख्या के कारण और इनके आंतक के कारण हर समय दुर्घटना का भय रहता है और अनेक बार दुर्घटनाये हो चुकी भी है असख्य दुपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके है जिससे क्षेत्रवासियो में भारी रोष है साथ ही दोस्तों मै यह भी सूचित करना चाहूँगा कि हर रोज 2 से 5 आवारा गोधे नए दिखाई देते है इन नए गोधो को आधी रात के समय नत्थूसर गेट के बाहर गाडियो में लाकर छोड़ा जा रहा है । मेरा नगर निगम के महापौर जी से निवेदन है कि समय रहते इन आवारा पशुओ को पकड़कर यथा स्थान छोड़े अन्यथा कभी यह भयावह रूप ले सकता है जिसकी जिम्मेदारी आपकी होगी और आपके विभाग की और साथ ही यह बतावे की आखिर कब तक शहर के भीतरी क्षेत्र के लोग इस समस्या से झूझते रहेंगे ।

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