अरावली की हरी-भरी वादियों में बलखाते घुमावदार रास्तों से होकर जब सज्जनगढ़ पहुंचते हैं, तो इतिहास का एक नया अध्याय हमारे सामने होता है। प्रकृति प्रेम का एक नायाब उदाहरण हमारी आंखों के सामने उस गुजरे हुए दौर की कहानी कहता है, जहां से कभी आसमां में गुजरने वाले बादलों पर नजर रखी जाती थी। इस महल का निर्माण सन् 1883 ई. में मेवाड़ के महाराणा सज्जन सिंह (शासन काल 1874-1884) ने बांसदरा की पहाड़ी पर करवाया था।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुसार वर्तमान में सज्जनगढ़ में जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर है। लगभग साढे़ चार करोड़ की लागत से जनाना महल सहित महल के विभिन्न हिस्सों को सुरक्षित व संरक्षित करने का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही यहां पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास भी किया जा रहा है। आने वाले समय में सज्जनगढ़ का स्वरूप और निखरा हुआ नजर आएगा।