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बीकानेर hellobikaner.in अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेरणा फाउंडेशन व आईबीएफ का आद्या सम्मान समारोह रविवार शाम रानी बाजार स्थित रिद्धि सिद्धि पैलेस में आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि बीकानेर ईस्ट की विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा कि आज महिलाओं को आगे आकर हर समस्या का हल खुद खोजना होगा।  समारोह की अध्यक्षता करते हुए महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि महिलाओं का सम्मान पूरे परिवार का सम्मान होता है।

 

समारोह के मुख्य वक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोकने के लिये अब समाज के हर वर्ग को साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में वे खुद व्यक्तिगत रूप से पीड़ित महिलाओं की मदद करेंगे।

 

समारोह में बीकानेर में अपने अपने क्षेत्रों में विख्यात एवम सिद्धहस्त रही वरिष्ठ पांच महिलाओं डॉ. ज्योत्स्रा ओझा, रतन सारस्वत, उषा किरण सोनी, डॉ. प्रभा भा र्गव, डॉ. शुक्ला बाला पुरोहित को आद्या सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में कार्यरत चुनिंदा महिलाओं रेनू शर्मा, कविता स्वामी, डॉ. कल्पना शर्मा, डॉ.मेघना शर्मा, डॉ. अर्पिता गुप्ता, पत्रकार उषा जोशी, रुचिका जोशी, कौशल्या देवी, किरण सोनी, प्रवीणा शर्मा, रजनी कालरा, मंजू नैण गोदारा,  कृष्णा व्यास, कांता देवी को सम्मानित किया गया। समारोह में चयनित महिला संगठनों पुष्करणा महिला मंडल, लायंस क्लब उड़ान, मीरा शाखा, तेरापंथ महिला मंडल, वुमेन्स एम्पोवेर्मेंट, पंजाबी महिला समूह, माहेश्वरी महिला समिति, अग्रवाल महिला समिति, आद्या क्लब (रोटरी), शिशु संरक्षण समिति, रेलवे महिला मंडल,  एक रुपया रोज संस्था, नारी शक्ति, लायनेस क्लब को भी पुरस्कृत किया गया। साथ ही संस्था दवारा आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी रही छात्राओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा। प्रेरणा फाउंडेशन की चेयरपर्सन पूनम जोशी एवम आईबीएफ की अध्यक्ष सविता गौड़ ने बताया कि इससे पूर्व प्रेरणा फाउंडेशन की चेयरपर्सन पूनम जोशी एवम आईबीएफ की अध्यक्ष सविता गौड़ ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह का संचालन ज्योतिप्रकाश रंगा ने किया।

हाथों से काम करने वाली महिलाओं दिया गया मंच : समारोह में हाथों से काम करने वाली महिलाओं को मंच दिया गया। साथ ही इन महिलाओं द्वारा तैयार कलात्मक एंटीक चीजों का प्रदर्शन भी किया गया। जिसे अनेक लोगों ने खरीदा भी। वर्तमान में एंटीक पीढ़े घरों में ड्राईंग रूम तथा पूजा घरों में बहुतायत से देखे जा रहे हैं। लोगों ने ऐसी पीढों का खरीदा। संस्था के अनुसार पीढों के विक्रय से प्राप्त लाभांश को महिलाओं में  वितरित किया जाएगा।

महिलाओं ने बनाये कलात्मक पीढ़े : समारोह के दौरान महिलाओं द्वारा बनाये गए सीसम, सागवान एवम स्टील के  कलात्मक पीढ़ों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में शामिल महिला उद्यमियों ने बताया कि आजकल महिलाओं के बैठने में पीढों प्रयोग बढ रहा है। यही कारण है कि विभिन्न रंगों में कलात्मक डिजाईन से पीढे तैयार किा हैं। समारोह में हस्तनिर्मित चीजें कार्यक्रम में प्रदर्शित की गई।

 

 

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