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बीकानेर hellobikaner.in कोरोना महामारी के बाद धीरे धीरे बच्चों की स्कूलें तो खूल रही है लेकिन विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या बच्चों की परीक्षाए करवाने की आ रही है। राजस्थान के सभी सरकारी गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा 10वीं और 12वीं को छोड़कर शेष कक्षाओं की स्कूली परीक्षा अप्रैल महीने में होगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसका प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेज दिया है। स्वीकृति मिलते ही इस पर अमल शुरू हो जाएगा। दरअसल, शिक्षा विभाग कोरोना के कारण गड़बड़ाए शिक्षा सत्र को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षा से पहले ही कक्षा 1 से 9 और 11वीं क्लास की परीक्षा करवाने की तैयारी है। इसमें कक्षा 3 से 9 और 11वीं का पेपर बनाने की जिम्मेदारी भी अलग-अलग तय की जा रही है। बड़ी कक्षाओं के पेपर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय तैयार करेगा। ये पेपर एक जैसे नहीं होंगे, बल्कि कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तरह चार तरह के पेपर तैयार होंगे। इसमें प्रश्न तो एक जैसे होंगे लेकिन उत्तर में विकल्प का क्रम अलग-अलग होगा।

15 जून से नया शिक्षा सत्र
शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव सरकार को भेजा है उसमें 15 जून से नया सत्र शुरू करने की बात कही है। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है कि अगले शिक्षा सत्र में बच्चों को पढ़ाई के लिए पूरा वक्त मिल सके। पिछले सत्र में बच्चे बिना परीक्षा पास हो गए थे, जबकि इस बार भी परीक्षा एक औपचारिकता की तरह है। इसमें प्राथमिक कक्षाओं में 60 फीसदी अंक स्कूल देगा। जबकि 40 फीसदी की परीक्षा होगी। पाठ्यक्रम भी पहले की तुलना में काफी कम किया गया है।

कक्षा 3 से 5 तक के स्कूल फिलहाल नहीं खुलेंगे
कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों की परीक्षा तो होगी। लेकिन इनके स्कूल कब से खुलेंगे यह अभी तय नहीं किया गया है। कई निजी स्कूलों ने अपने स्तर पर कक्षा पांच के छात्रों को बुलाना शुरू कर दिया है। जबकि कोविड गाइडलाइन के तहत इन बच्चों को अभी स्कूलों में नहीं बुलाया जा सकता है।

 

शिक्षा विभाग ने इस बार मनोवैज्ञानिक तरीके से काम शुरू किया है। बच्चों को वर्कशीट देने की योजना बनाई जा रही है, जिसमें मौजूदा कक्षा, पिछली कक्षा और अगली कक्षा में पढ़ाए जाने वाले कुछ हिस्सों को शामिल किया जाएगा। उदाहरण के रूप में 5वीं कक्षा के बच्चे को चौथी और 6वीं कक्षा की सामग्री भी दी जाएगी, ताकि पिछली कक्षा याद नहीं रहने की समस्या का हल हो सके। करीब तीन महीने का यह क्रैश कोर्स अप्रैल में होने वाली परीक्षा के बाद हो सकता है।

अभी प्रस्ताव है, निर्णय नहीं: निदेशक
निदेशक सौरभ स्वामी का कहना है कि परीक्षा अप्रैल में करवाने और 15 जून से नया सत्र शुरू होने के फिलहाल प्रस्ताव दिया गया है। इसे स्वीकार करना अथवा नहीं करना, यह सरकार के हाथ में है। इन प्रस्तावों से हटकर भी सरकार निर्णय कर सकती है।

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