‘डफ की थापों पे धूम मचाएं’ गीत का पोस्टर जारी
हैलो बीकानेर। होली पर समधुर और शालीन गीत सुनने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए ‘डफ की थापों पे धूम मचाएं. . .’ गीत का पोस्टर शनिवार को जारी किया गया। इस गीत के वीडियो का निर्देशन रामसहाय हर्ष व संपादन विजय व्यास ने किया है। संगीत येशुदास भादाणी का है। गीत को लिखा व गाया हरीश बी.शर्मा ने है। यह गीत यू-ट्यूब के चैनल हरीश बी क्रियेशंस पर उपलब्ध है।पोस्टर विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के शहर अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य तथा विशिष्ट अतिथि शहर कांग्रेस के महासचिव आनंद जोशी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ ने की।
मुख्य अतिथि सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि यह गीत बीकानेर की होली की रंगत का सांगोपांग वर्णन है। उन्होंने इस वीडियो को गुणवत्ता की दृष्टि से श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि इसे देखकर नहीं लगता कि बीकानेर के गैर-पेशेवर कलाकारों द्वारा इसे तैयार किया गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस तरह के गीतों को परिवार के बीच सुनने का आनंद लिया जा सकता है जो आज के समय की जरूरत भी है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो होली पर शालीन गीतों का आनंद लेना चाहते हैं लेकिन उनके लिए फिल्मी गीतों के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। उन्होंने इस तरह के राजस्थानी गीतों की रचना करने का भी आग्रह किया।
विशिष्ट अतिथि शहर कांग्रेस के महासचिव आनंद जोशी ने कहा कि होली के पर्व पर इस गीत ने आनंद और उल्लास दुगुना कर दिया है। साढ़े तीन मिनट में इस गीत में सभी भाव और बीकानेरी होली के सारे दृश्य सामने से निकलते हैं। यह अपने आप में होली का एक कॉम्बो-पैक है। इस गीत को देखकर लगता है कि ऐसा बहुत पहले हो जाना चाहिए था लेकिन फिर भी इस प्रयास की सराहना करता हूं क्योंकि इस गीत को सामने लाने में जो टीम लगी है, उनका उद्देश्य बहुत ही पवित्र और अव्यावसायिक है। हम ऐसे प्रयास करेंगे कि यह गीत बीकानेर के हर चौक में सुनाई दे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादीÓ ने करते हुए कहा कि इस प्रस्तुति को देखकर उनको वह समय याद आ गया जब होली के अवसर पर हरीश भादााणी और उनके समकालीन साहित्यकार सौद्देश्य गीत-कविताएं लेकर शहर में निकलते थे। उन्होंने कहा कि यह गीत एक प्रस्थान-बिंदु है और शहर के गीतकारों-कवियों को चाहिए कि इस काम को आगे बढ़ाए। इससे बहुत सारे ऐसे लोग जो होली के अवसर पर घर से बाहर निकलने से कतराते हैं, उन्हें भी होली के उल्लास में शामिल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह एक भ्रम है कि होली पर लोगों का अश्लील गीत ही पसंद है, इस तरह के प्रयासों से इस भ्रम को तोड़ा जा सकेगा।
गीत का रचयिता हरीश बी.शर्मा ने कहा कि होलीे का यह गीत जिस रूप में सामने आया है, उसमें एक पूरा टीम वर्क है, अगर रामसहाय हर्ष का निर्देशन, विजय व्यास का संपादन और येशुदास भादाणी का संगीत नहीं होता तो इस रूप में सामने नहीं आ पाता।
निर्देशक रामसहाय हर्ष ने बताया कि इस गीत को जिस तरह से यू-ट्यूब पर देखा गया है, हमारा हौसला बढ़ा है और हम आखातीज पर एक और गीत जारी करने का प्रयास कर रहे हैं। वीडियो का संपादन करने वाले विजय व्यास ने कहा कि हमने यह सारा काम एक उद्देश्य के साथ किया है और चाहते हैं कि इसका महत्व समझा जाए। संगीतकार येशुदास भादाणी ने बताया कि इस गीत को पढ़ते समय उन्हें ऐसा लगा कि होली की एक बेहतरीन रचना से निकल रहे हैं। इस मौके पर नगेंद्रनारायण किराड़ू, राजेश के.ओझा, राहुल व्यास, रवि आचार्य, गोविंद रामावत आदि उपस्थित थे।
संवाद प्रेषक
– हरीश बी.शर्मा