आवास एवं अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी
जयपुर hellobikaner.com राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज दूसरी बड़ी कार्रवाई करते हुए डूंगरपुर में मितार्थ श्रीमाली, हाल प्रबन्धक प्रधान कार्यालय, दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, डूंगरपुर तथा विकास गुप्ता हाल क्लर्क (चार्ज कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक) दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा कनबा, जिला डूंगरपुर को परिवादी से 1,50000 /- रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि ए.सी. बी. की उदयपुर इन्टे. इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि खजूरी लेम्पस के भवन निर्माण कार्य हेतू वर्ष 2015-16 के बजट में सहकारिता विभाग द्वारा 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी, उक्त भवन निर्माण के स्वीकृत बजट में शेष बची राशि 2 लाख रूपये के भुगतान का बिल पास करने की एवज में मितार्थ श्रीमाली, प्रबन्धक दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक प्रधान कार्यालय डूंगरपुर तथा विकास गुप्ता कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक, दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा कनबा जिला डूंगरपुर द्वारा क्रमशः 1,25000/- रूपये एवं 25,000/- रूपये रिश्वत राशि मांगकर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी उदयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस राजेन्द्र प्रसाद गोयल के सुरपविजन में उदयपुर इन्टे. इकाई के उप अधीक्षक पुलिस दिनेश सुखवाल के नेतृत्व में शिकायत का सत्यापन किया जाकर मय राजेन्द्र मीणा उप अधीक्षक पुलिस, हरिशचन्द्र सिंह पुलिस निरीक्षक व टीम के बैंक शाखा कनबा में कार्यवाही करते हुए मितार्थ श्रीमाली पुत्र भूपेन्द्र श्रीमाली निवासी 1 / 86 शिवाजी नगर डूंगरपुर। हाल प्रबन्धक प्रधान कार्यालय, दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, डूंगरपुर को परिवादी से स्वयं के हिस्से के 1,25000 /- रूपये तथा विकास गुप्ता पुत्र श्रीकृष्ण गुप्ता निवासी गांव / तहसील डबवाली जिला सिरसा, हरियाणा । हाल किराये का मकान आदर्श नगर एचपी गैस ऐजेन्सी के पास डूंगरपुर, हाल मूल पद क्लर्क (चार्ज कार्यवाहक शाखा प्रबन्धक) दी डूंगरपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा कनबा, जिला डूंगरपुर को स्वयं के हिस्से के 25,000/- रूपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एम. एन. के निर्देशन में आरोपीयान के आवास व अन्य ठिकानो पर तलाशी जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा।