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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com,                बीकानेर। जहां एक और भामाशाह अपनी जन्मभूमि एवं अपनी कर्मभूमि के विकास एवं समाज के हित के लिए अपने खून पसीने से कमाई हुई पूँजी को खर्च कर अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहते हैं वहीं दूसरी और केंद्र व राज्य सरकारें भामाशाहों के द्वारा करवाए गये जनहित के कार्यों पर जीएसटी जैसे करारोपण कर दान की भावना को आहत पहुंचाते हैं।

 

 

 

 

 

सामाजिक सरोकार के तहत करवाए गये निर्माण कार्यों एवं निर्माण पश्चात निर्मित भवन राज्य सरकार को सुपुर्द करने के कार्य में जीएसटी जैसे करों को रोपित करना न्यायोचित नहीं है। भामाशाहों को और अधिक प्रोत्साहित करने व अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ करने की भावना हेतु बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन किया गया है राष्ट्र निर्माण में भामाशाहों का महत्त्वपूर्ण योगदान आजादी पूर्व से चलता आ रहा है।

 

 

 

 

 

भामाशाहों के योगदान से निर्माण करने जैसे स्वास्थ्य, चिकित्सा, पानी के संचय हेतु कुँए, बावड़ी, तालाब, गौसेवा, सडकें व अन्य क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका रही है। वर्तमान में भी भामाशाहों के योगदान से सेवा प्रकल्प निरंतर जारी है। यह कि पूर्व में भामाशाहों द्वारा जब भी सेवा प्रकल्प कराए गये तब संबंधित राज्य सरकारों द्वारा किसी भी प्रकार का करारोपण नहीं किया जाता था।

 

 

 

 

वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जीएसटी प्रभावी होने के पश्चात भामाशाहों द्वारा जो जनहित में सेवा कार्य किये जा रहे हैं इस हेतु किये जाने वाले निर्माण करवाकर, उपकरणों, व संयंत्र लगाकर सरकारों को हस्तांतरण कर दिया जाता है उस कार्य व सामान पर नियमित जीएसटी भामाशाह द्वारा पहले ही चुका दिया जाता है उस पर दुबारा जीएसटी व अन्य कर लगाए जाते हैं जो कि सर्वदा अनुचित है। भामाशाहों द्वारा जनहित में किये जाने वाले समस्त सेवा कार्यों पर जीएसटी व अन्य कर भामाशाहों का सम्मान करते हुए पूर्णतया करमुक्त कर देने चाहिए जिससे भामाशाहों को और अधिक राशि खर्च करने का प्रोत्साहन मिल सके।

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