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राजस्थान के सियासी संकट से कांग्रेस पार्टी उभरने की कोशिश कर रही है इसी क्रम में गहलोत और सोनिया गांधी की एक घंटे मुलाकात हुई। गहलोत ने पार्टी आलाकमान को राजस्थान के जमीनी हालात से रुबरु कराया और सियासी संकट को मुख्यमंत्री पद रहते नहीं संभाल पाने के लिए माफी भी मांगी।
गहलोत ने पार्टी के भीतर लोकतंत्र को याद किया और इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी के प्रति अपनी वफादारी का हवाला दिया। गहलोत ने कहा, पार्टी का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा।
मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने राहुल गांधी से हुई बातचीत का जिक्र किया और राहुल की देश जोड़ो यात्रा की सराहना की। उन्होंने राहुल से कोच्चि में हुई मुलाकात का जिक्र किया और उनके कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को याद किया। मीडिया से बातचीत के दौरान गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान के हर फैसले को मानने का संकल्प लिया। गहलोत ने मीडिया के सामने कहा की अब वो कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन नहीं भरेंगे। मुख्यमंत्री के लिए पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कह मुख्यमंत्री का फैसला आलाकमान तय करेंगे।
गहलोत से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी से सचिन पायलट मिलेंगे और कयास लगाए जा रहे है कि दिल्ली से उन्हें हर वो ताकत मुहैया करवाई जाएगी जिससे राजस्थान में उनका सियासी कद बढ़ेगा। राहुल के पंसदीदा युवा नेताओं में सचिन पायलट का नाम सबसे आगे है ऐसे में अगर राजस्थान में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान होता है तो रेस में सबसे आगे पायलट ही होगें।