बीकानेर। आमजन की शिकायतों पर गंभीरता नहीं बरतने तथा लम्बे समय तक जवाब नहीं देने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने बुधवार को कई सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध 16 सीसी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जनसुनवाई के दौरान प्राप्त प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर ने कहा कि बार बार निर्देश के बावजूद प्रकरणों का निस्तारण तो दूर अंतरिम जवाब तक नहीं दिया जा रहा है यह अस्वीकार्य है। यहां तक कि मुख्यमंत्री जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों के जवाब देने में भी कोताही पाई गई है। गौतम ने कहा कि इन प्रकरणों में जो भी दोषी है उनके विरुद्ध सुनिश्चित तरीके से कायवाही की जाएगी। जिला कलेक्टर ने सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज के सह प्राचार्य एल ए गौरी, पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक पी के बेरवाल, रीको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक जी के शर्मा, हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त ज्ञानेश्वर व्यास, खनन विभाग के सहायक खनिज अभियंता, जेवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता अशोक गोयल, हाॅर्टीकल्चर विभाग के सहायक निदेशक राजकुमार कुल्हरी को मुख्यमंत्री जनसुनवाई प्रकरणों का समय पर जवाब नहीं देने पर 16 सीसी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्यवाही की एक प्रति मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाएगी।
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एक साल से प्रकरण है पेंडिंग
गौतम ने कहा कि सम्पर्क पोर्टल सहित विभिन्न प्लेटफार्म पर एक-एक साल से मामले लंबित हैं। प्रार्थी संतुष्टि के स्तर पर बीकानेर का प्रदर्शन खराब है। बकाया प्रकरणों में भी बीकानेर का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में समस्त पेडेंसीं निपटाएं। यदि लेवल फोर पर प्रकरण बकाया है तो उच्च स्तर पर बात कर इनका निस्तारण किया जाए।
सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें एजेंडे में
गौतम ने कहा कि गत एक वर्ष से लेकर छह माह के बकाया प्रकरणों का रविवार तक अनिवार्यतः निस्तारण हो अन्यथा गंभीर कारवाई भुगतने के लिए तैयार रहें।
अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों को भी नोटिस
जिला कलेक्टर ने बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। गौतम ने कहा कि इस सम्बंध में जल्द ही बैठक कर इन प्रकरणों के निस्तारण की गुणवत्ता की जांच की जाएगी और एक-एक जवाब को एक्जामिन किया जाएगा। गौतम ने सीईओ जिला परिषद नरेन्द्र पाल सिंह को विशेष सतर्कता बरतते हुए प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए।
पेंशन जांच,सत्यापन और स्वीकृति नहीं करने वाले अधिकारी को नोटिस : जिला कलेक्टर ने कहा कि कई पेंशन प्रकरणों में जांच, सत्यापन और स्वीकृति के स्तर पर लापरवाही के कारण देरी हो रही है। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक को इस संबंध में देरी के लिए बीकानेर विकास अधिकारी भोमसिंह ,लूणकरणसर विकास अधिकारी प्रदीप माल्या और श्री डूंगरगढ़ विकास अधिकारी सुनील छाबड़ा तथा श्री डूंगरगढ़ नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी भवानी शंकर व्यास को नोटिस जारी करने की कार्यवाही बुधवार को ही करते हुए फाइल प्रस्तुत करने के निर्देष दिए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि लोक सेवा प्रदान गारंटी अधिनियम तथा सुनवाई का अधिकार अधिनियम के तहत तय समय में प्रकरण दर्ज कर निस्तारित किए जाए। यदि समयबद्ध रूप से प्रकरणों का निस्तारण नहीं होता है तो सुपरवाइजिंग अथोरिटी संज्ञान लेकर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही करें।
गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक कई प्रकरणो में पहली किस्त भी जारी नहीं की गई है। उन्होंने इस सम्बंध में सीईओ जिला परिषद को टीम बनाकर निरीक्षण कर जांच करवाने के निर्देश दिए। कई ग्राम पंचायतों में ग्रामसेवक सत्यापन नहीं कर रहे हैं ऐसे मामलों की जांच करें और संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
यूआईटी करें छंटनी : जिला कलक्टर ने कहा कि नगर विकास न्यास के जो अधिकारी परिणाम नहीं दे रहे हैं ऐसे अभियंताओं को मूल विभाग में भेजे जाने की कार्यवाही की जाए। यूआईटी सचिव इसके लिए रिव्यू करें और ऐसे अधिकारियों के नाम प्रस्तावित करें। जिला कलेक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा जिले में उचित स्तर का पेचवर्क नहीं करवाए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि केवल कागजों में पैचवर्क का काम ना हो बल्कि फील्ड में जाकर अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि ठेकेदार गुणवत्ता परक तरीके से पेचवर्क कर रहा है अथवा नहीं। यदि कमी पाई जाती है तो ऐसे ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाएं। जिला कलक्टर ने पीबीएम अस्पताल के सभी मुख्य दरवाजे हमेशा खुले रखने और साफ-सफाई की स्थिति सुधरे इसके लिए गंभीर प्रयास की बात कही। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रदीप के गवांडे सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।