बीकानेर hellobikaner.com बीकानेर फायर वर्क्स एसोशियेशन ने पटाखों की बिक्री पर रोक के विरोध में रतन बिहारी पार्क से सम्भागीय आयुक्त कार्यालय तक पैदल मार्च किया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का ज्ञापन सौंपा।
बीकानेर फायर वर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लूणकरण सेठिया ने बताया कि राजस्थान गृह विभाग द्वारा दीपावली के अवसर पर आतिशबाजी का इस्तेमाल नहीं किये करने की अनुशंसा की है। जिसके अनुसार 31.12.2020 तक आतिशबाजी पर प्रतिबन्ध बताया गया है और जिसके सन्दर्भ में लाइसेंस ऑथोरिटी से अनुज्ञा पत्र जारी नहीं करने के आदेश प्रदान किये गये हैं जिसके सन्दर्भ में यह ज्ञात करवाया गया कि दिनांक 09.11.2020 नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सशर्त पटाखे छोड़ने की अनुमति प्रदान की है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 2015 से समस्त राजस्थान व् भारत के 5000 फेक्ट्रीयां वैज्ञानिक संस्थान नीरि के आदेशानुसार नए केमिकल फार्मूले के तहत ग्रीन पटाखे में जो केमिकल उपयोग किये जाते हैं व किसी भी प्रकार से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है और किसी भी प्रकार से पर्यायवरण को प्रदूषित नहीं करते हैं।
पटाखों के कारण कोरोना वृद्धि का हवाला दिया जा रहा है जबकि पटाखे जलाने से तो वातावरण में मौजूद कई तरह के हानिकारक तत्व नष्ट हो जाते हैं। पटाखे जलाने से 03 प्रदूषण स्तर आता है जिससे किसी के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता है।
बीकानेर फायर वर्क्स एसोसिएशन के सचिव वीरेंद्र किराडू ने बताया कि पटाखे खुशियाँ और त्योंहार मनाने का एक जरिया ही नहीं अपितु एक उद्योग भी है जिससे लाखों लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। दीपावली पर पटाखे कभी भी मेले व मैदानों पर व सामूहिक रूप से नहीं चलाए जाते हैं बल्कि एकल रूप से घरों अथवा घर के आगे चलाए जाते हैं और इस प्रक्रिया में पूर्णतया सोसियल डिस्टेंसिंगकी पालना की जाती है। भारत के सभी शहरों में पटाखों का क्रय-विक्रय उपयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सुरक्षित मानदंडों की पालना करते हुए अनवरत जारी है।
जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी टिप्पणी में स्पष्ट कहा है की पटाखों से ज्यादा प्रदूषण वाहनों से होता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ही पटाखा निर्माता नीरि का प्रमाण पत्र प्राप्त कर ही पटाखा निर्माण करते हैं। पटाखा व्यवसाय का भारतीय राजस्व में बड़ा योगदान है और वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण व्यवसाय व अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए पटाखा निर्माताओं को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध करवाया जाए। मुकेश खत्री ने बताया कि ज्ञापन देने वालों में श्रीगंगानगर से ओमप्रकाश, हनुमानगढ़ से सज्जन कुमार, चुरू से सुभाष जैन, श्रीडूंगरगढ़ से मांगीलाल, सूर्यप्रकाश, अनूपगढ़ से सुनील अरोड़ा, गुरदीप शर्मा, मुकेश खत्री, ओमप्रकाश, गुलाब बोथरा, शुभम रंगा आदि शामिल हुए। नरेंद्र खत्री ने बताया कि सोसियल मीडिया के माध्यम से विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। बनवारी अग्रवाल ने सभी का आभार प्रकट किया।