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बीकानेर।  बीकानेर के बारहगुवाड़ चौक में रविवार सुबह राजेंद्र प्रसाद ओझा के घर से झरने की तरह पानी बहने लगा और देखते ही देखते मकान एक तरफ झुकने लगा। यह सुबह साढ़े छह बजे का वाकया है, जब सभी लोग सो रहे थे। नत्थूसर स्थित जलदाय विभाग की टंकी से पानी की सप्लाई शुरू हुई ही थी।

बारह गुवाड़ चौक में भैरुंभवन और मूंघड़ा भवन की लोकेशन पर पहुंचे सफाई कर्मचारी ने जब यह देखा तो उसने राजेंद्र प्रसाद ओझा के घर में दस्तक दी। सुबह-सुबह दस्तक सुनकर बाहर आए दिनेश ओझा ने जब अपने घर की स्थिति देखी तो हक्का-बक्का रह गया। उसके अपने घर की दीवार से पानी झरने की तरह बाहर आ रहा था। सफाई कर्मचारी की आवाज सुनकर दूसरे लोग भी बाहर आए और सभी ने एक राय में कहा कि सबसे पहले घर में सो रही औरतों-बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।

इस बीच दिनेश ओझा ने दौड़कर नत्थूसर टंकी की सप्लाई बंद करवाई, लेकिन तब तक घर को काफी नुकसान हो चुका था। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीसी रोड के नीचे फूट चुकी प्लास्टिक की पाइप लाइन का पता नहीं चलने से यह वाकया हुआ है। पानी अंदर ही अंदर घरों में जाता रहा। इसके बाद क्षेत्र के पार्षद दुर्गादास ने हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर पहुंचे जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी खूब खरी-खरी सुनाई वहीं पर रोक दिया। दबाव में जलदाय विभाग के अधिकारियों ने सीसी रोड खुदवा कर पाइप लाइन को तो एकबारगी बंद करवा दिया है ताकि सप्लाई शुरू होने पर यहां दिक्कत खड़ी नहीं हो, लेकिन यहां सिर्फ राजेंद्र प्रसाद ओझा का मकान ही नहीं, आसपास के कन्हैयालाला ओझा, रामदास ओझा, भगवानदास ओझा, द्वारका प्रसाद मत्तड़ आदि के मकानों में भी पानी भरे होने की आशंका है।

राजेंद्र प्रसाद ओझा के मकान में तो इतना नुकसान हुआ है कि अगर मौके पर कारीगरों को बुलाकर बल्लियां नहीं लगाई जाती तो घर के गिरने का खतरा था। पार्षद दुर्गादास छंगाणी ने इन घरों को हुई क्षति की एवज में मुआवजा देने की मांग की है। पार्षद ने कहा है कि अगर मुआवजा नहीं दिया गया तो जलदाय विभाग का घेराव किया जाएगा।

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