बीकानेर: क्या चंद पटाखों की रिश्वत ही है अनमोल जिन्दियो की कीमत?
हैलो बीकानेर, । आज का दिन बीकानेर के इतिहास में काले अक्सरों में लिखा जाए तो क्या गलत है। जहां प्रशासन अतिक्रमण का अभियान पूरे बीकानेर में चला रही है वहीं शहर के सोनगिरी क्षेत्र में पटाखे बनाने वाली एक बारूद की फैक्ट्री जो बड़े हादशे को निमत्रण दे रही थी, और आज वो हादशा हो ही गया। मौहल्लेवासियों की चुप्पी ये इशारा कर रही थी की पटाखे बनाने वाली इस फैक्ट्री की जानकारी उन्हें पहले से थी। काफी देर पूछताछ करने पर भी किसी ने अपनी जुबान तक नहीं खोली।
मौहल्ले की एक महिला आगे आई और उसने हैलो बीकानेर को बताया कि चंद पटाखों की रिश्वत की वजह से इतना बड़ा हादशा हो गया। महिला बताती है कि दिपावली के दिनों में फैक्ट्री मालिक मौहल्ले के बच्चों को नि:शुल्क पटाखे वितरित कर दिया करता था। यहां तक आस-पास के घरों में जाकर भी नि:शुक्ल पटाखें दिया करता था।
- तो क्या यही वजह तो नहीं कि यह गैरकानुनी फैक्ट्री शहर के अनंरूनी हिस्से में आराम से अपना काम कर रही थी।
- पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में रात्री गश्त लगाने के बावजूद भी यह फैक्ट्री कैसे अपना व्यापार चला रही थी ?
- अब इस हादसे की जिम्मेदारी लेगा कौन ?
अब ये फैसला करना बीकानेर की जनता को होगा कि चंद पटाखों की वजह से अगर अनमोल जिंदगीयां गवानी पड़ें तो वो कहा तक सही है? प्रशासन का साथ जनता को देना होगा। अगर प्रशासन को समय रहते गलत कार्यो से अवगत नहीं करवाया जाएगा तो ऐसे हादशे होते ही रहेगें।