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बीकानेर hellobikaner.in बी.जे.एस. रामपुरिया जैन कॉलेज, बीकानेर में आज इतिहास विभाग के द्वारा राजस्थान के अभिलेख स्रोतों एवं उनकी महत्ता पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमे कॉलेज के विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली में टैगोर फेलो के रूप में कार्यरत, पोस्ट डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए चयनित ऐतिहासिक दस्तावेज़ों पर गहरी पकड़ रखने वाले और समाज विज्ञान से संबंध यूजीसी केयर लिस्ट में शामिल पत्रिकाओं के संपादक नाम चीन शख्सियत डॉ राजेंद्र  कुमार रहे।

 

डॉ राजेंद्र ने प्रदेश के समृद्ध अभिलेख स्रोतों की प्रारंभिक जानकारी से विषय को प्रारंभ कर इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक अनेक आयामों से रूबरू करवाते हुए कहा कि युवा वर्ग के लिए यह एक चमकता क्षेत्र है जिसमें रोज़गार की संभावनाएं विद्यमान है।  उन्होंने बताया कि राजस्थान के इतिहास को समझने के लिए राजस्थान के पुरातात्विक स्रोत बहुत महत्वपूर्ण है।

 

इसी क्रम में बीकानेर के इतिहास से जुड़े हुए कुछ शिलालेखों पर उन्होंने चर्चा की जिनमें महानंद जी तालाब की तलाई में मिले हुए कुछ अभिलेख, कोलायत के चानी गांव में मिले हुए कुछ अभिलेख, लूणकरणसर के शिव मंदिर के अभिलेख तथा अन्य स्थानों पर बिखरे हुए अभिलेखों को संकलित करते हुए पीपीटी के माध्यम से विद्यार्थियों में विषय के संबंध में रोमांचकारी जानकारी प्रदान की। डॉक्टर राजेंद्र ने विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में अपने कदम रखने के लिए प्रेरित किया तथा विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान दिया।

गायत्री सुथार ने आभार व्यक्त किया तथा महेंद्र पंचारिया ने रामपुरिया कॉलेज की समसामयिक विषयों पर व्याख्यान माला के आयोजन की समृद्ध परंपरा के बारे में विद्यार्थियों को ऐसे व्याख्यानों से जुड़े रहने व् अपनी जिज्ञासाओं की पूर्ति हेतु प्रश्न पूछने के स्वभाव को विकसित करने का आह्वान किया

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