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बीकानेर। आज नत्थूसर गेट स्थित ऑफिस प्रांगण में राजस्थानी मोटयार परिषद की मीटिंग रखी गई जिसमें मायड़ भाषा की मान्यता के लिए हर साल की भांति मायड़भाषा दिवस 21 फरवरी को किए जाने वाले आंदोलन के साथ अन्य मुद्दे जिसमें – राजस्थानी भाषा मान्यता एवं राजस्थान की दूसरी राजभाषा राजस्थानी को बनाने एवम् राज्य की आगामी सभी भर्तियों में राज्य के बाहर के बेरोजगारों का कोटा सीमित करने आदि मुद्दों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।

21 फरवरी 2020 को मायड़ भाषा दिवस पर किया जाने वाला कार्यक्रम संभाग स्तरीय होगा जिसमें बीकानेर संभाग के सभी राजस्थानी कवि और साहित्यकारों एवम् आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु रूपरेखा बनाई गई, भाषा के प्रति जागरूक करने आदि कार्यों के लिए टीम का गठन किया गया जिनको अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई।

इस समय राजस्थानी मोटयार परिषद के  प्रदेश उपाध्यक्ष गौरीशंकर प्रजापत ने बताया कि परिषद् के सभी सदस्य अपनी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए अपने इस आगामी आंदोलन को सफल बनाएगें, डॉ नमामि शंकर ने युवाओं को अधिक से अधिक  भागीदारी निभाने हेतु दिशा निर्देश दिए, बीकानेर संभाग अध्यक्ष डॉ हरिराम बिश्नोई ने सभी युवाओं को संगठित होकर प्रयास करने हेतु प्रेरित किया, इस समय परिषद के बीकानेर उपाध्यक्ष सरजीत सिंह ने मंच संचालन करते हुए राजस्थानी भाषा से होने वाले लाभों का विस्तार से वर्णन किया,  राजस्थानी शोधार्थी सुमन शेखावत,डॉ गौरीशंकर निमिवाल, राजेश चौधरी, मुकेश रामावत, प्रशान्त जैन, संगीता,सुरेन्द्र जनागल, प्रदीप, कुलदीप, भागीरथ इत्यादि सदस्य मौजूद रहे।

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