निर्माण श्रमिक कि कौन सुनेगा
हैलो बीकानेर न्यूज़ । भवन एवं अन्य सनिर्माण श्रमिक कल्याण अधिनियम 1996 में बनकर राजस्थान में 2009 में अधिरोपित नियमो के साथ लागु हुआ जिसके अंतर्गत समय समय पर माननीय उच्चतम न्यायलय में विभिन्न याचिकाओ को निस्तारण करते हुए कई अहम निर्णय दिए जिसके कारण विभिन्न श्रम संगठनो को व् निर्माण श्रमिको को इसके अधिकार मिले परन्तु कालांतर में श्रम विभाग हर किसी नियम कानून दायरे को अपने हिसाब से अर्थ का अनर्थ निकाल कर श्रमिक को अपने द्वारा कराए गए अपने कल्याण के फंड से वंचित किया जाता हे।
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श्रमिको के हित को ध्यान में रखते हुए निर्माण श्रमिक संयुक्त संघर्ष समिति बीकानेर के द्वारा सोमवार को सुबह 10 बजे श्रम विभाग कार्यालय भुट्टो का चोराहा पिताश्री होटल में अपनी 18 सूत्री मांग के साथ धरना प्रदर्शन रखा गया हे।
1. बीकानेर संभाग कार्यालय में संयुक्त श्रम आयुक्त का पद लम्बे समय से रिक्त पड़ा हे जिससे मजदूरो कि अपिल सुनने वाला कोई नही हे
२. श्रम विभाग विभिन्न प्रकार के ऑब्जेक्शन लगाकर मजदूरो को दर दर भटकने पर मजबूर कर रहा हे इस गलत नियम को बंद किया जाए
3. ऑफलाइन और ऑनलाइन मजदूरो कि पत्रावलियो को प्राथमिकता के आधार पर ही निस्तारण किया जाए
4. प्रत्येक पंजीयन और योजना फॉर्म में निर्माण श्रमिक यूनियनो के पधादिकारीयो के हस्ताक्षर एवं सिल युक्त सर्टिफिकेट अनिवार्य किया जावे.
5. योजना कि ऑनलाइन और ऑफलाइन पत्रावलियो का जिला व् पंचायत समिति स्तर पर अतिसिग्र निस्तारण किया जावे
6. निर्माण श्रमिक यूनियनों कि आई.डी. जरी कि जावे ताकि यूनियनों के निर्माण श्रमिको का भला हो सके
7. श्रमिको का 85 रूपये में पंजीयन किया जाए ई-मित्रो कि मुनाफा खोरी बंद कि जाए
8. हितादिकारी का ऑनलाइन नंबर व् आधार नंबर से सर्च करने का फीचर एस.एस.ओ. आई.डी. या ई-मित्र में उपलब्द किया जाए
9. श्रम विभाग में रिक्त सभी पड़ जल्द से जल्द भरे जाए