बीकानेर hellobikaner.in आज ही के दिन इस भू लोक पर विचरण करते हुए भगवान ब्रह्मा ने पाया कि यह ब्रह्माण्ड बिल्कुल सुनसान है अतः भगवान विष्णु से आशिर्वाद लेकर इस भू लोक को ध्वनि, संगीत, नाद और खुशियां देने के लिए माँ सरस्वती का भू लोक पर आह्वान किया।
यह दिन था माघ शुक्लपक्ष की पंचमी इसी दिन को हम ज्ञान, विद्या, वाणी और संगीत की देवी माँ सरस्वती के अवतरण दिवस को बसंत पंचमी के रूप में मनाते हैं। यह उद्गार नालन्दा पब्लिक सी. सै. स्कूल के बच्चों को सम्बोधित करते हुए शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, ने व्यक्त किए।
कल्ला ने कहा कि मां शारदा की विद्या की दात्री देवी है विद्या से विनय शीलता आती है विद्या से व्यक्ति अंधकार से प्रकाश की ओर जाता है। अच्छे संस्कार के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। इस अवसर पर बी.डी. कल्ला ने भी बच्चों को सम्बोधित करते हुए बसंतोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही सभी बच्चे पीले वस्त्र धारण किए हुए थे तो उन्होंने आज के दिन पीले वस्त्र पहनने का महत्व बताया। इस अवसर पर गोपेश्वर विद्या पीठ के गिरिराज खैरीवाल ने सब का आभार व्यक्त करते हुए बसंतोत्सव की शुभकामनाए प्रेषित की। इस अवसर पर इंजि. कॉलेज के मुकेश व्यास एवं पार्षद शिवकुमार बिस्सा भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर शाला के विद्यार्थियों ने डॉ बी.डी कल्ला व कल्ला का माल्यार्पण व मुँह मीठा करवाकर स्वागत किया। इससे पूर्व शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने स्कूल में स्थित माँ सरस्वती के मन्दिर में पूजन कर आज के दिन की महत्ता पर प्रकाश डाला।
एन.एस.एस प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने बताया कि इस अवसर पर शाला के दसवीं व बारहवीं के सभी छात्र/छात्राओ ने माँ सरस्वती की पूजा अर्चना व वंदना कर माँ सरस्वती का आशीर्वाद लिया व सभी छात्र/छात्राओं ने आज के दिन से ही एक पेड़ लगाकर उसे वर्षपर्यन्त देखरेख का संकल्प लिया। इस अवसर पर शाला के हनुमान छिंपा, विजयगोपाल पुरोहित, गिरधर जोशी, सीमा पालीवाल, प्रीति रंगा, राजेश्वरी जोशी, मीनाक्षी जोशी, उमेश सिंह चौहान, आवेद अली, रमेश हर्ष, कार्तिक मोदी, भवानी सिंह, तोलाराम, घनश्याम ओझा आदि उपस्थित थे।