बीकानेर (हैलो बीकानेर न्यूज़)। पिछले कुछ दिनों से चारों तरफ शोरगुल आज अचानक थम सा गया तो एक मशहूर फिल्म का वो डायलॉग याद आ गया ” इतना सन्नाटा क्यों है भाई ……. आपको बता दे की विधानसभा चुनावी जंग के लिये प्रचार का अंतिम दिन होने के कारण बुधवार की शाम चहुंओर मचा प्रचार शोर थमने के बाद भी चुनावी सरगर्मियां परवान पर है। उम्मीदवार और उनके समर्थक अभी वोटरों को रिझाने के लिये ताकत झोंक रहे है। घर-घर दस्तक देकर नतमस्तक हो रहे है। आचार संहिता के तहत आज का दिन प्रचार के लिए अंतिम दिन था। चुनावी रैलियों और जनसभाओं का अंतिम मौका था। लिहाजा, हर प्रत्याशी ने पूरी ताकत झोंक दी। पांच बजे बाद तमाम उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए न तो जुलूस निकाल सकेंगे और न ही आम सभाएं आयोजित कर सकेंगे।
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उम्मीदवार लाउड स्पीकर का उपयोग भी नहीं कर सकेंगे। सात दिसम्बर को होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवार केवल डोर-टू-डोर जाकर ही वोटर्स से जनसंपर्क कर सकेंगे। इस दौरान उम्मीदवार एसएमएस, वाट्सएप, फेसबुक और सोशल मीडिया से भी प्रचार नहीं कर सकेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि मतदान के 48 घंटे पहले से उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा लोगों के बीच न तो निर्वाचन को लेकर कोई डिबेट की जाएगी और न ही इसको लेकर किसी प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकेगा।
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आयोग ने चेतावनी भी दी है कि यदि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन किया जाता है तो दो साल की जेल या जुर्माने की सजा या दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रचार थमने के बाद चुनाव प्रचार में लगे राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों, कार्यकर्ता जो उस विधानसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं, उन्हें आज पांच बजे से मतदान समाप्ति तक संबंधित विधानसभा क्षेत्र की सीमा छोडऩी होगी।
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