Rajkumar Kiradoo

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बीकानेर hellobikaner.com प्रदेश कांग्रेस सचिव राजकुमार किराडू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र भेजकर लाॅकडाउन-3 के दौरान शराब की दुकानें खोलने का निर्णय वापस लेने का आग्रह किया है। किराडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र भेजा है।

उन्होंने केन्द्र सरकार की एडवाइजरी की अनुपालना प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। किराडू ने कहा है कि केन्द्र सरकार का यह निर्णय अदूरदर्शिता वाला है लेकिन राज्य सरकार द्वारा इसे बरकरार रखना भी अनुचित है।

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किराडू ने पत्र में लिखा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा लाॅकडाउन-3 के दौरान 4 मई 2020 से प्रदेशभर में शराब की दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इन शराब की दुकानों पर एकत्रित हो रहे हैं, जिससे सोशल डिसटेंसिंग और लाॅकडाउन के प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है।

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किराडू ने लिखा है कि कोरोना संक्रमण का यह दौर बेहद चुनौतीपूर्ण है तथा दो चरणों के लाॅकडाउन के दौरान पूर्ण सावधानी की बदौलत प्रदेश में अब तक स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सरकार के शराब की दुकानों को खोलने के निर्णय के कारण यह स्थिति बेकाबू हो रही है। हालात यह हैं कि एक-एक दुकान पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इन्हें नियंत्रित करने के लिए अनेक स्थानों पर पुलिस बल तक तैनात करना पड़ रहा है।

उन्होंने लिखा है कि कोरोना संक्रमण बचाव वैश्विक चुनौती है और दुनिया के अनेक देशों द्वारा अपनी सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था का बड़ा भाग इससे बचाव पर व्यय किया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा कुछ प्रतिशत राजस्व अर्जन के लिए शराब की दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है, इस पर पुनर्विचार की जरूरत है। प्रदेश का बड़ा और बुद्धिजीवी वर्ग भी इस निर्णय के खिलाफ है तथा मीडिया ने भी इस निर्णय पर प्रश्नचिह्न लगाए हैं।

किराडू ने कहा है कि महात्मा गांधी के विचारों वाली कांग्रेस पार्टी के शासन में आपातकालीन परिस्थितियों के बावजूद इस तरह का निर्णय लिया जाना, समस्या को विकराल स्थिति तक पहुंचाने वाला साबित हो सकता है। उन्होंने आग्रह किया है कि इन सभी परिस्थितियों के मद्देनजर लाॅकडाउन की परिस्थिति में प्रदेश में शराब की दुकानें खोलने के निर्णय को वापस लिया जाए। यह निर्णय प्रदेश के सर्वांगीण हित में सहायक होगा।

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