बीकानेर। सीनेट हाऊस, लंदन यूनिवर्सिटी, यू के में आगामी 26 जुलाई 2019 को आयोजित एज्यूकेटर्स डेस्क सम्मिट में बीकानेर के शिक्षाविद् गिरिराज खैरीवाल को बतौर स्पीकर आमंत्रित किया गया है। इस सम्मिट में विभिन्न देशों के शिक्षाविद् अपने अपने देेेश के एज्यूकेशनल सिस्टम और नीतियों के संदर्भ में वर्तमान स्थिति प्रस्तुत करेंगे तथा वैश्विक स्तर पर नवीन शिक्षा नीति के लिए व्यापक चिंतन मनन करेंगे। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मिट में विभिन्न देशों के तीस से अधिक शिक्षाविदों को आमंत्रित किया गया है। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष भी खैरीवाल अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एज्यूकेशनल सम्मिटस एवं कॉन्फ्रेंसेंज में अवार्डी, स्पीकर एवं डेलीगेट के रूप में बीकानेर एवं राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर मरुनगरी को गौरवान्वित कर चुके हैं।
मई 2018 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में इंडियन इंटरनेशनल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित इंटरनेशनल एज्यूकेटर्स कंन्केल्व एवं अवार्ड समारोह में खैरीवाल को उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्य और नित नवाचारों हेतु राष्ट्रीय स्तर के डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम अवार्ड से नवाजा गया। खैरीवाल ने इस कन्कलेव में राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया। इस कंन्केल्व में देश विदेश के लगभग तीन सौ शिक्षाविदों ने सहभागिता की।
अगस्त 2018 में नई दिल्ली स्थित होटल दी लीला एंबाईस कन्वेंशन में आयोजित हुई 12वीं वर्ल्ड एजूकेशन सम्मिट में खैरीवाल ने राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए शिक्षा में नवाचार और शिक्षा में नवीन आयामों के माध्यम से मिसाल प्रस्तुत करने के विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि ‘लर्निंग बाई डूंइग’ पद्धति ही वर्तमान तकनीकी युग में शिक्षा को सरस-सार्थक बनाने का एकमात्र विकल्प है। खैरीवाल ने विभिन्न उद्धरण बताते हुए संस्कृति और संस्कारों को बचाने के लिए शिक्षा को सुरुचिपूर्ण और रोचक बनाने की सलाह भी दी। इस दो दिवसीय सम्मिट में अनेक शिक्षाविद विदेशों से भी शामिल होने के लिए पहुंचे। गुजरात के सुरेंद्र नगर में सितंबर 2018 में आयोजित हुए दूसरे दो दिवसीय नेशनल सांइस टेक्नो फेअर में खैरीवाल को सांइस के उल्लेखनीय प्रचार प्रसार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एप्रीशिएट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
अभी बीते मई माह में में एलीट्स टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड एवं डिजिटल लर्निंग द्वारा महाराष्ट्र के पुणे में स्थित होटल ग्रांड शैरेटन में आयोजित बारहवीं स्कूल लीडरशिप सम्मिट के तहत खैरीवाल ने “रिडिफाईनिंग एससेमेंटस इन स्कूल एज्यूकेशन” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि टीचिंग टेक्निक और इंस्ट्रक्शन मैथोलोजी को और अधिक प्रभावी बनाने से ही स्टूडेंट्स में बेहतर रूप से लर्निंग स्किल डवलपमेंट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्कूली शिक्षा अंक हासिल करने का माध्यम भर है। जिस वजह से स्टूडेंट्स रटा कर के हडरेंड पर्सेंट तक अंक प्राप्त कर लेते हैं लेकिन अधिकांश स्टूडेंट्स अपने विषयों की जानकारी में उतने पारंंगत नहीं हो पाते तथा स्किल डवलपमेंट करने में भी उतने सफल नहीं हो पाते। उन्होंने कहा कि अब एज्यूकेशन सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन जरूरी हो गया है। आज एक ऐसे सिस्टम की महती आवश्यकता है जो स्टूडेंट्स की वास्तविक प्रतिभा का मनोवैज्ञानिक आकलन व विश्लेषण अंकीय सिस्टम से परे जाकर कर सके। यदि ऐसा होता है तो निश्चित ही बच्चे अपनी रूचि के अनुुरूप अपने विषयों में पारंंगत हो सकेंंगे तथा अपनी नैसर्गिक प्रतिभा का खुलकर प्रदर्शन करते हुए नित नूतन आयाम रच सकेंगे। इस अवसर पर श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल, बीकानेर की प्रधानाध्यापिका भंवरी देवी सहित देश के लगभग एक सौ अस्सी प्रतिष्ठित स्कूूलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इन के अलावा भी खैरीवाल ने विभिन्न स्थानीय, राज्य, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक व सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय संभागित्व कर बीकानेर को गौरवान्वित किया है।