बीकानेर। बीकानेर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुवे कहा कि विधानसभा चुनाव हार का बदला लोकसभा चुनाव में ब्याज सहित लेंगे । पार्टी पिछली बार की तरह इस दफा भी पूरी सीटें जीत कर इतिहास रचेगी। वे आज बीकानेर प्रवास के दौरान प्रेस से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तीन महिनों में भाजपा की योजनाओं को बंद करने के अलावा कुछ नहीं कर पाई है। जो गलतियां विधानसभा चुनाव में हुई है।
उसे कार्यकर्ता नहीं दोहराएंगे। बूथ स्तर पर कार्यकर्ता मजबूती के साथ पार्टी प्रत्याशियों को जीताकर एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना चाहते है। लालकृष्ण आडवाणी के हमारे विरोधी नहीं है राष्ट्रदोही पर पूछे गये प्रश्न का जबाब देते हुए सैनी ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के ट्वीट को लेकर कहा-पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब दे दिया है। दौसा सीट को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि हमने तीन नाम है पैनल में भेज दिये है। यह राष्ट्रीय नेतृत्व को तय करना है कि वो किसी टिकट दें। हां दो दिन पहले एक प्रत्याशी को लेकर ट्वीट कर बधाई गलती से दे दी गई थी। प्रेस वार्ता में शहर अध्यक्ष डा सत्यप्रकाश आचार्य,देहात अध्यक्ष विधायक बिहारी विश्नोई,सहीराम दुसाद,ताराचंद सारस्वत,मोहन सुराणा मौजूद रहे।
भाटी की हर बात माने जरूरी नहीं
टिकट वितरण को लेकर फैले असंतोष पर जबाब देते हुए सैनी ने कहा कि भाजपा में लोकतंत्र है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। देवीसिंह भाटी की बात भी पार्टी ने सुनी। लेकिन उनकी हर बात मानी जाएं यह जरू री नहीं। भाटी के विरोध का बीकानेर सीट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और भाजपा यह सीट जरूर जीतेगी।
लेखक दूध के धुले नहीं
देश के 250 से अधिक लेखकों व साहित्यकार संगठनों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने के प्रश्न पर भड़के सैनी ने कहा कि लेखक भी दूध के धुले हुए नहीं है। कोई विरोध करें ये उसके अधिकार क्षेत्र का मामला है। किन्तु जनता किसी बात को माने। यह जनता का स्व विवेक है। इसलिए विरोध करने वालों से परिणाम नहीं बदल जाते है।
पार्टी एकजुट, हर समय विधायक साथ रहे संभव नहीं
पार्टी में टिकट वितरण के पैदा हुए विरोध के स्वरों को ठंडे छींटे देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी एकजुट होकर चुनाव मैदान में है। रही बात विधायकों के साथ रहने की तो यह जरूरी नहीं कि हर विधायक हमेशा साथ रहे। मैंने भी चुनाव लड़ा है। तो चुनावी दौरे में मेरे साथ भी सारे विधायक नहीं रहते थे। इसका मतलब यह नहीं कि वे मेरे विरोध में थे। सैनी ने कहा कि विधायकों का साथ न होने के कई कारण हो सकते है।