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हैलो बीकानेर न्यूज़। विधानसभा चुनाव 2018 के तहत अभ्यर्थी या राजनीतिक दल यदि किसी निजी सम्पत्ति पर अपने बैनर या झंडे लगवा कर चुनाव प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं तो इसके लिए सम्बंधित मालिक से लिखित स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा। 
जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ एन के गुप्ता ने बताया कि चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता की अनुपालना सुनिश्चित करवाने तथा चुनावी खर्चे आदि की कड़ी मानिटरिंग के लिए यह प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि मालिक की लिखित स्वीकृति के बाद लगाए जाने वाले बैनर या झंडे के खर्चे सहित पूर्ण विवरण एवं लिखित सहमति की प्रति अभ्यर्थी द्वारा सम्बंधित रिटर्निंग अधिकारी को 3 दिन में प्रस्तुत करनी होगी। शहरी क्षेत्रों मे निजी सम्पत्ति पर विज्ञापन नगरपालिका अधिनियम के तहत प्रतिबंधित है, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी निजी सम्पत्ति मालिकों की स्वीकृति अनिवार्य है। 
निजी वाहन पर प्रचार से न हो असुविधा
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन पर अपनी पंसद के किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का झंडा, स्टीकर लगाता है, तथा यदि इससे राहगीरों को किसी प्रकार की असुविधा या आपत्ति नहीं है तो इसमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होगी। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अभ्यर्थी की अनुमति के बिना अपने वाहन पर झंडे या स्टीकर इस प्रकार लगाता है कि जिससे किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में मत याचना का उद्देश्य स्पष्ट होता है तो ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 171-एव आईपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।  उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा प्रचार के प्रयोजन से प्रयोग में लिए गए उसके व्यक्तिगत वाहन को प्रचार वाहन माना जाएगा तथा उसका ईधन तथा चालक का वेतन अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल किया जाएगा। इस क्रम में प्रचार के लिए काम में लिए जा रहे अन्य वाहन भी अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल होंगे। 

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गुप्ता ने बताया कि वाणिज्यिक वाहनों पर झंडे या स्टीकर लगाने पर उसे प्रचार वाहन के रूप में माना जाएगा, अतः वाहन को प्रचार वाहन के रूप में उपयोग में लेने की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग अधिकारी से प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। साथ ही उस वाहन का मूल परमिट वाहन के विंड स्क्रीन  पर प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।
नियमों रह करंें लाउडस्पीकर का उपयोग  चुनाव के दौरान वाहनों तथा वीडियोे रथ वाहन में सक्षम अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर लाउडस्पीकर का उपयोग किया जा सकता हैं। लेकिन लाइडस्पीकरों का उपयोग रातः 10 से प्रातः 6 बजे तक निषिद्ध अवधि में नहीं किया जा सकेगा। 
नहीं हो सकेगा साड़ी, कमीज आदि परिधानों का वितरण
डॉ गुप्ता ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान जुलूसों में कोई भी अभ्यर्थी या राजनीतिक दल टोपी, मास्क स्कार्फ आदि उपलब्ध करवा सकता है लेकिन रैलियों, सभाओं, जुलूसों आदि में साड़ी, कमीज आदि परिधानों वितरण नहीं किया जा सकेगा।
संस्थान प्रबंधन से लेनी होगी एनओसी
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक सभाओं के लिए सरकार, स्थानीय निकाय, उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, हॉल्स, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग राजनीतिक सभाओं के लिए किया जा सकता है लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। 
उन्होंने बताया कि इन का उपयोग सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा समानता के आधार पर किया जाए ओर किसी दल या अभ्यर्थी का इन पर एकाधिकार नहीं रहेगा, साथ ही राजनीतिक दल या अभ्यर्थी यह सुनिश्चित करे कि सभा स्थलों पर प्रचार सामग्री सभा समाप्ति के तुरंत बाद हटा ली जाए।
कॉलेज, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी स्कूल या कॉलेज के शैक्षणिक सत्र पर किसी भी प्रकार का वितरीत असर न हो। संस्थान प्रबंधन को इस पर कोई आपत्ति न हो तथा उपखंड अधिकारी से कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए अनुमति प्राप्त कर ली हो। उन्होंने बताया कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर यह अनुमति प्रदान की जाएगी। इन मैदानों में किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में किसी मुआवजे के लिए सम्बंधित राजनीतिक दल उत्तरदायी माना जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक सम्पति या अन्य की सम्पत्ति को जान बूझकर क्षति पहुंचाने का मामला पाए जाने पर सम्बंधित के विरूद्ध कानूनी प्रावधानों के तहत कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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