जयपुर। निकाय चुनाव 2019 के संबंध में सबसे बड़ी गुत्थी आखिरकार सुलझ ही गई है। गहलोत सरकार ने आगामी निकाय चुनाव में महापौर और सभापति के चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाने का फैसला ले ही लिया है। अब महापौर और सभापति को पार्षद ही चुनेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा करते हुए मंजूरी दे दी गई।
सूत्रों के अनुसार यूडीएच मंत्री शाति धारीवाल ने प्रदेश के कई नेताओं से फीडबैक लेकर इस मामले की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौपी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट की बैठक पर इस मुद्दे पर काफी चर्चा हुई उसके बाद निकाय चुनाव में महापौर और सभापति के चुनाव प्रत्यक्ष न करवाकर अप्रत्यक्ष ही चुने जाने पर फैसला लिया गया।
कांग्रेस की सरकार बनते ही गहलोत सरकार ने महापौर और निकाय के सभापतियों के सीधे चुनाव करवाने का निर्णय लिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बाद व मंत्री धारीवाल की रिपोर्ट के अनुसार यह निर्णय लिया गया।