हाल ही में सरकार ने जीएसटी की दरों में बदलाव किया है। जिसके तहत सरकार ने 178 प्रोडक्ट्स को 28% के GST स्लैब्स से हटाकर 18% के GST स्लैब में डाल दिया है। चीजोंं को सस्ता कर लोगों को राहत देने के साथ ही अगस्त में अनुमान से ज्यादा टैक्स जमा होने की वजह से भी इन आइटम्स को सस्ता करने का अनुमान है।
खबरों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की अगली कुछ बैठकों का टॉप एजेंडा कानूनों, नियमों और प्रक्रियाओं को सरल करने का है। सीमेंट और पेंट जैसे कुछ आइटम्स पर रेट अब भी 28% के सबसे ऊंचे स्लैब में है। अगर टैक्स रेवेन्यू जोरदार रहा तो ऐसे कुछ आइटम्स को भी निचले स्लैब में लाया जा सकता है। सीमेंट और पेंट को निचले स्लैब में लाने पर सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के रेवेन्यू से हाथ धोना पढ़ेगा।
साथ ही अब जीएसटी काउंसिल का फोकस 12 प्रतिशत और 5 प्रतिशत के रेट स्लैब्स में बदलाव पर होगा। रियल एस्टेट और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर भी काउंसिल विचार कर सकती है। सरकार ने इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक ग्रुप बनाया है ताकि इस टैक्स सिस्टम की समीक्षा की जा सके। पिछले हफ्ते गुवाहाटी में जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में रेस्ट्रॉन्ट्स पर जीएसटी को घटाकर सोमवार से 5 प्रतिशत करने का फैसला भी किया गया था। इन कदमों से टैक्स रेवेन्यू 20 हजार करोड़ रुपये कम हो जाएगा।
28% वाले स्लैब में एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर और डिजिटल कैमरे जैसी आम उपयोग की चीजें बची रह गई हैं. 28% वाले स्लैब में अभी 50 से ज्यादा आइटम्स हैं.