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अनूठी ग्राम पंचायत घांघू
बीकानेर,। जिला परिषद बीकानेर के स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक महेन्द्र सिंह शेखावत जब ओडिएफ जांच के लिए चूरू के ग्राम पंचायत घांघू गए थे तो उन्होंने जो देखा उसके बारे में हैलो बीकानेर को बताया कि राजस्थान का रेतीला जिला चूरू और यहाँ की ग्राम पंचायत घांघू| बहुत ही कमाल की ग्राम पंचायत है घांघू,इसे देख कर लगता है कि वास्तव में पंचायत राज की सही संकल्पना यहीं है|इस ग्राम पंचायत के शमशान गृह भी पिकनिक स्पॉट जैसे हैं,यहाँ करीब 7 से 8 हजार की आबादी होने के बावजूद किसी भी गली और सड़क पर एक बूँद भी पानी बिखरा हुआ नहीं दिखता,यहाँ की ग्राम पंचायत का ऑफिस किसी जिला कलेक्टर के ऑफिस से कम नहीं है|यहाँ जगह जगह खूबसूरत कचरा पात्र लगे हुए हैं जो जन सहयोग से लगाये गए हैं,किसी भी स्थल पर आपको किसी भी प्रकार का कचरा देखने को नहीं मिलेगा|बाजार में और दुकानों के आआगे,यहाँ तक कि सब्जी की दुकान के आगे भी किसी तरह का कोई कचरा नहीं|कमाल यह भी है कि ग्राम पंचायत के पास कोई सफाई कर्मचारी भी नहीं,सभी काम यहाँ के लोग अपने आप करते हैं,कचरा पात्र भी जन सहयोग से, तो कचरे का निस्तारण भी जन सहयोग से|गांव की करीब 150 सड़कें एवं गलियां सभी इंटरलोक ब्लाक से खूबसूरती के साथ बनाई गई हैं,सभी सड़कों के नीचे बहुत ही शानदार ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया गया है,सभी घरों के स्नान् घरों के पाईप इस् ड्रेनेज से कनेक्ट है|सभी आंगनवाडी केंद्र इतने खूबसूरत हैं कि इनसे नजरें ही नहीं हटती|ग्राम पंचायत ने प्रत्येक आंगन वाडी केंद्र भामाशाहों को गोद दे रखा है,बच्चों को बैठने के लिए बहुत सुंदर रंग बिरंगी छोटी छोटी कुर्सियां है,सुन्दर खिलौने हैं,आंगन वाडी के कमरे रंग बिरंगे चित्रों से सजे हुए हैं|घांघू ग्राम के सार्वजनिक स्थलों पर बैठने के लिए बहुत सी सीमेंट की बेंचें हैं जहाँ कभी भी कोई भी बैठ सकता है|गांव में तत्कालीन शाशक बणीर जी की शानदार मूर्ती लगी है और इसी जगह बहुत ही खूबसूरत सार्वजनिक पार्क विकसित किया गया है जहाँ जन सहयोग से बहुत सी बैंचें लगी हुई है और तरह तरह के फूलों के पौधे लगे हैं,हरी हरी मखमली दूब बरबस आकर्षित करती है|


शेखावत कहते है की मात्र 17 माह के अल्प कार्यकाल में घांघू के उत्साही सरपंच जय प्रकाश शर्मा ने यह कमाल कर दिखाया है,सहज ही विश्वास नहीं होता लेकिन यह सब मैनें 23 दिसंबर 2016 को अपनी आँखों से देखा है,इतना अद्भुत जन सहयोग से कर देना अचंभित करता है लेकिन साथ ही यह सोचने का अवसर देता है कि यदि निस्वार्थ भाव से काम करने का जूनून हो तो यह संभव हो सकता है|सरपंच के सामने अब यह सवाल है कि जितना भी कार्य हो सकता था वह सारा हो गया,अब विकास का कोई काम गांव में बाकी नहीं है| घांघू में सीएचसी बनाया जा रहा है,इसमें भी जन सहयोग लिया जा रहा है,घांघू के सभी राजकीय कार्यालयों में सभी पद भरे हुए हैं चाहे स्कूल हो,आंगन वाडी हो या अस्पताल|नरेगा हो या स्वच्छ भारत मिशन,टीएफसी हो या एसएफसी,सभी योजनाओं में बहुत ही व्यवस्थित काम होता है|ग्राम सेवक,पटवारी सहित सभी जरूरी कार्मिक नियमित ग्राम पंचायत कार्यालय में बैठते हैं|खुद सरपंच जय प्रकाश शर्मा सुबह साढ़े सात बजते ही ग्राम पंचायत कार्यालय में होते हैं|
शेखावत ने कहा की यकीन नहीं होता कि ऐसी भी पंचायत हो सकती है|चूरू के विकास अधिकारी सुरोलिया जी बड़े गर्व के साथ इस पंचायत का भ्रमण करवाते हुए आत्मिक संतुष्टि से भर उठते हैं|इस पंचायत को जो भी विजिट करने आते हैं उनका भावभीना स्वागत किया जाता है|सरपंच जय प्रकाश शर्मा एवं उनके सहयोगी इतने विनम्र और सरल हैं कि स्वागत में पलक पांवड़े बिछा देते हैं|

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