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जयपुर hellobikaner.in प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करते हुए कहा की प्रधानमंत्री जी विपक्षी पार्टियां मांग करती हैं कि आपको देश को संबोधित करना चाहिए कि देश में शांति, भाईचारा एवं सद्भाव रहे और मैं किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा… 13 पार्टियों ने उनसे मांग की है।

 

गहलोत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा की ….

 

देखिए हम लोग तीन दिन से लगातार आपके साथ में संवाद करते रहे हैं और सारी जानकारियां आपको भी हो चुकी हैं। आप लोगों में से कई अनुभवी बैठे हैं यहां पर साथी, मीडिया की भूमिका बहुत बड़ी होती है, चौथा स्तंभ कहलाता है, तो आप देख लीजिए कि जो कुछ भी देश में हो रहा है, ऐसा मैंने मेरे, मुझे भी 40-42 साल से जबसे मैं पार्लियामेंट में आया हूं 1980 से तबसे हूं, 42 साल से हूं, केंद्रीय मंत्री भी रह लिए, पीसीसी प्रेसिडेंट भी रह लिए, एआईसीसी में रह लिए, मुख्यमंत्री तीसरी बार बन गए, मेरा मानना है कि कांग्रेस के शासन में लगभग 70 साल तक जो देश का स्वर्णिम इतिहास बना, आधुनिक भारत जो दिख रहा है, आजादी के वक्त क्या था आज क्या है आपको मालूम है, पर ये 8 साल का काला अध्याय है, इतिहास लिखा जाएगा तो काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा। काला अध्याय इसलिए कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, पूरे देशवासी बहुत दुःखी हैं, तनाव में हैं, आप विश्वास कीजिए गली-गली में तनाव है देश के अंदर, लोग समझ नहीं पा रहे हैं, सोशल मीडिया में देखते हैं छोटे-छोटे गांवों में भी 200-400-500 लोग तो आराम से आक्रोशित होकर नारे लगा रहे हैं, चाहे वो हिंदू हों चाहे मुस्लिम हों।

 

 

 

ऐसा माहौल विस्फोटक बन गया है, इसलिए राहुल गांधी जी ने जो कहा लंदन में कि कैरोसिन छिड़क दिया गया है, इस बात को मैं समझता हूं कि हम सबको समझ जाना चाहिए कि उनके मायने क्या थे और वो ही हो रहा है, वो ही हो रहा है। अभी दंगे भड़के आपने देखा, रामनवमी पर 7 राज्यों में दंगे भड़क गए, एक सी ट्रेंड है सब जगह, अभी जब शुक्रवार की नमाज पढ़ी गई थी तो जुलूस निकले बड़े-बड़े, दंगे हुए कई जगह, ये तमाम बातें जो हैं देश में ऐसी स्थिति बन गई, करप्शन की तो हदें पार हो गई हैं, ये आरएसएस और बीजेपी के नेता लोग, ईमानदार भी हैं उसके अंदर, इसमें कोई दो राय नहीं, पर बाकी लोग लूट रहे हैं देश को, करप्शन 10 गुणा बढ़ गया है, ज्यादा बढ़ गया है, इन बातों पर कोई ध्यान दे नहीं रहा है, इन सब बातों से ध्यान हटाने के लिए टार्गेट किसको बनाएंगे, आज देश की तमाम विपक्षी पार्टियां मान गईं, देशवासी मान गए कि एकमात्र राहुल गांधी है जो मोदी जी और उनकी सरकार का मुकाबला कर रहे है। अब तो जितने आप लोग लिख रहे हैं आर्टिकल उसमें आने लग गया है कि एक व्यक्ति का नाम राहुल गांधी है जो लगातार मुकाबला कर रहा है और उन्हीं को मोदी जी, अमित शाह जी टार्गेट बनाए हुए हैं। कोई कारण नहीं था कि आपने इस प्रकार से उनको नोटिस दिए, जबकि क्लीयर कट मामला है।

 

 

 

हमारा खुद का अखबार 1937 में शुरू किया आजादी की जंग के अंदर, लगभग 5 हजार फ्रीडम फाइटर्स मेंबर बने उस जमाने के अंदर, उसके बाद में इसकी शुरुआत होती है, आजादी की जंग में एक बार बैन लगा दिया इसके ऊपर अंग्रेजों ने, उसके बाद में लगातार कमजोर होता गया और जो मीडिया के कई अखबार कमजोर हो जाते हैं, आज देखिए कितने लोगों की तनख्वाहें कम कर दी हैं, छंटनी कर दी है प्रिंट मीडिया ने भी और आपके विजुअल मीडिया ने भी, सबको मालूम है कि देश में क्या स्थिति है मीडिया की भी और ये अखबार को हम लोगों ने मांग की सोनिया जी से, वर्षों से मांग करते आ रहे हैं कि इसको रिवाइव करना चाहिए वापस हमारा नेशनल हेराल्ड, उसका अपना एक ऐतिहासिक बैकग्राउंड है, आजादी की जंग का भी और बाद का भी, उसको लेकर हम लोग मांग करते रहे कि रिवाइव होना चाहिए और 100 किश्तों में 90 करोड़ रुपए दिए गए 100 किश्तों में 2002 से मेरे ख्याल से 2012 तक ऐसा कुछ है, अब बताइए, 100 किश्तों में कभी 2 करोड़, 10 करोड़, 15 करोड़ रुपए दिए होंगे कि भई ये अखबार रिवाइव होना चाहिए और मुझे मालूम है कि मिस्टर भार्गव थे जयपुर के अंदर, 15 साल से तनख्वाह नहीं मिल रही थी उनको 15 साल से, तब भी वो जुड़े हुए रहे वहां पर, अखबार पूरी तरह चल नहीं पा रहा था।

 

 

अगर हम अपने अखबार को और जो कॉन्स्टीट्यूशन में लिखा हुआ है कि अगर कांग्रेस की पॉलिसी-प्रोग्राम को कोई आगे बढ़ाएगा, तो उसको कांग्रेस या कोई पॉलिटिकल पार्टी इम्दाद कर सकती है और हो सकता है कि पाञ्चजन्य और जो अखबार निकलते हैं बीजेपी के, इनको भी सपोर्ट किया होगा बीजेपी ने हमें नहीं मालूम है, पर कर सकते हैं, इस रूप में इस अखबार को वापस रिवाइव करने का एक अटैंप्ट किया गया। नॉन-प्रॉफिटेबल कमेटी बनाई गई, जिसमें 1 रुपया भी जो डायरेक्टर है उसके अंदर, जिसमें सोनिया जी भी आती हैं, राहुल जी भी आते हैं, 1 रुपया भी लाभांश का ले नहीं सकते, वो कानून ही ऐसा है, लिक्विडिटी हो जाती जैसे मान लीजिए यंग इंडिया तब भी प्रॉपर्टी एजेएल के नाम से है, एक रुपया ले नहीं सकते, लाभांश ले नहीं सकते, वो कंपनियां हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग कहां से आ गई? तो ये हालात अभी आपको मेरे सब साथी बताएंगे। मैं आपको कहना चाहूंगा कि जो सेनेरियो बदला है देश के अंदर, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, काले अध्याय में लिखा जाएगा देश के ये। आज मुझे बताइए हम एआईसीसी में बैठे हुए हैं, पता नहीं आपको ईजीली आने दिया गया होगा पुलिस वालों ने क्योंकि आपके पास कार्ड होगा मीडिया का, वरना हमारा एआईसीसी का महामंत्री नहीं घुस सकता है यहां पर, अधिकारी-पदाधिकारी नहीं आ सकते।

 

 

 

हिंदुस्तान के इतिहास में कभी किसी पॉलिटिकल पार्टी के हैड क्वार्टर पर किसी को जाने से रोका गया है क्या? हम अपने ऑफिस में नहीं आ सकते? पहली बार देख रहे हैं ये तो। दिल्ली में कोई आ रहे हैं बाहर से तो रास्ते में अरेस्ट कर रहे हैं, पूरा कल जाम लगा रखा था खुद ने ही, बदनाम कांग्रेस हो गई कि राहुल गांधी जी के समर्थन में आए हैं इसलिए जाम लग गया। ये जो हालात बने हैं, इसमें मैं निवेदन करना चाहूंगा कि हमें सोचना पड़ेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है। मैंने टाइम मांगा ईडी के डायरेक्टर से, सीबीआई के डायरेक्टर से, और तो और सीबीडीटी के चेयरमैन से इनकम टैक्स के, ये तीनों प्रीमियर एजेंसियां हैं हमारी, हमें गर्व है तीनों एजेंसियों पर, उनकी जो स्थिति बनी है देश के अंदर, क्रेडिबिलिटी कम हुई है, लोग क्या सोचते हैं, एक नागरिक के नाते, एक मुख्यमंत्री के नाते मैंने कहा कि मैं आपसे आकर मिलना चाहता हूं, मैं बताऊंगा कि मेरी भावनाएं क्या हैं, देशवासी क्या सोचते हैं, मेरे हिसाब से, सुनने में क्या दिक्कत थी? पुलिस कमीश्नर से टाइम मांग रहे हैं यहां पर कि भई आप एआईसीसी में आने से क्यों रोक रहे हो? पुलिस कमिश्नर टाइम नहीं दे रहा है। मुझे आश्चर्य हो रहा है, कांग्रेस शासन के अंदर हमेशा जब कभी बीजेपी वाले या कोई भी पार्टी वाले टाइम मांगते थे, बिना कांग्रेस को पूछे हुए, टाइम मिलता था, कलेक्टर हो, एसपी हो, डीजी हो, या कोई भी हो क्योंकि फैसला करना उसके हाथ में है, खाली सुनना ही तो है आपको, आपको खाली सुनना है, आप उसके बाद में भी अपनी बात पर अडिग रहो, कौन आपको रोक सकता है। आप सुनने के लिए तैयार नहीं हो, टाइम नहीं दे रहे हो आप लोग, कहां की प्रक्रिया है भई ये? क्या हो रहा है देश के अंदर?

 

 

इसलिए कहने को हजार बातें हैं, खाली मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि ईडी के जो नोटिस दिए गए हैं, ये तंग करने के लिए दिए गए हैं, टार्गेट करके दिए जा रहे हैं और देशवासी देख रहा है, समझ रहा है, सुन रहा है, इंदिरा जी को भी जेल में डाल दिया था इन्हीं लोगों ने, आज जो सत्ता में हैं, ये भागीदार थे उस वक्त में जनता पार्टी के शासन के अंदर, ये नहीं भूलना चाहिए, जब मोरारजी भाई देसाई बन गए थे प्राइम मिनिस्टर, इनके दबाव में मोरारजी भाई देसाई को गृह मंत्री को फैसला करना पड़ा, इंदिरा गांधी जी को निकाल दिया पार्लियामेंट से जीती हुई थीं बाय इलेक्शन, जेल भेज दिया उनको, पूरे देश के अंदर जेल भरो अभियान हुए थे उस वक्त में, हम लोग सब जेल गए थे। तो मैं निवेदन करना चाहूंगा कि ये जो सब हरकतें कर रहे हैं ये लोग, इनके भारी पड़ेगी, जनता सब समझ चुकी है इनकी अप्रोच को और आप देखेंगे कि ये तरीके जो हैं, ये डेमोक्रेसी को खत्म कर रहे हैं, आज बुलडोजर चल रहा है एक के यहां पर, कल वो बुलडोजर किसी और के घर भी चल सकता है, ये कोई कानून है क्या? राज कानून का रहेगा, हम सब सुरक्षित रहेंगे, अगर कानून का राज ही खत्म हो जाएगा तो कोई सुरक्षित नहीं है, किसके यहां पर क्या हो जाए, ये कोई नहीं कह सकता है।

 

 

कानून है, संविधान है, उससे देश चलता है, आज जो हम लोग बैठे हैं यहां, आपको सभी मेरे साथी अपनी बात कहेंगे। आपको मैं निवेदन करना चाहूंगा, कल मैंने कहा, एक बात कहकर मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, प्रधानमंत्री जी के लिए कि प्रधानमंत्री जी विपक्ष की पार्टियां मांग करती हैं कि आपको देश को संबोधित करना चाहिए कि देश में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहे और मैं किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा। 13 पार्टियों ने उनसे मांग की, परसों और कल मैंने कहा कि मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं मांग के अलावा कि गली-गली में जो तनाव हो गया है, गांव-गांव में जो तनाव हो गया है वो आपको-हमको नहीं मालूम है यहां बैठे हुए, कब आग लग जाए, कब, कितना दुःखी है रात को सोते वक्त में, चाहे हिंदू है, चाहे मुसलमान है, देखता है कि पता नहीं कल क्या होगा मेरे साथ में? अगर इतना भय है, तो डेमोक्रेसी में इतना भय होना लाजिमी है क्या? तो मैंने कहा कि आपको संबोधित करना चाहिए देशवासियों को कि मैं हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा, उसमें भी उनको संकोच क्यों हो रहा है? उनको और अमित शाह जी को? ये समझ के परे है। देश किस दिशा में जा रहा है ये किसी को नहीं मालूम है, किस दिशा में जाएगा कोई नहीं कह सकता है, आरएसएस और बीजेपी जिस रूप में इनकी अप्रोच है, बहुत खतरनाक है, ये ही मैं कहना चाहता हूं।

 

 

सवाल- अब सब चीजों पर पाबंदी चौतरफा लगा दी गई है तो भविष्य का फिर रास्ता क्या है?
जवाब- ये देखिए डेमोक्रेसी है, हम तो अहिंसा को आधार बना कर सत्याग्रह रखे हुए हैं और वक्त-वक्त पर जैसा मैंने आपको कहा कि हम लोगों ने टाइम मांगा, पुलिस कमिश्नर से या इडी के डायरेक्टर से, सीबीआई के डायरेक्टर से, चेयरमैन सीबीडीटी के ये कोई मामूली बात नहीं है, मिलना ही तो था खाली, उसके बाद में फैसला वो ही करते जो उनको करना था। आप मिलने का टाइम नहीं दो, ये तो पहली बार हो रहा है देश के अंदर, कितने डेलीगेशन मिले होंगे बीजेपी के, जनसंघ के, और पार्टियों के किसी को मना नहीं किया आज तक पर जो हालात बन गए हैं इसको धीरे-धीरे स्टेप बाय स्टेप हम आगे बढ़ेंगे, जरूरत पड़ेगी तो बढ़ेंगे, किस-किस से मिलना, प्रधानमंत्री जी से मिलना, राष्ट्रपति जी से मिलना तय हमारी पार्टी करेगी पर हम लगातार अपनी बात कहते रहेंगे और मैं समझता हूं कि दुर्भाग्य इस बात का है कि इनकी हिम्मत कैसे हो रही है कि आप कांग्रेस के हैडक्वार्टर पर जाने से रोक रहे हो? हिम्मत कैसे हो रही है? इनका दुस्साहस है ये, ये दुस्साहस है, ये इनको भारी पड़ेगा। हर नागरिक देख रहा है, ऐसा तो कभी हुआ ही नहीं कि आप अपने हेडक्वार्टर पर जाने से रोक रहे हैं पहली बार हुआ है, पता नहीं कौन गाइड कर रहा है दिल्ली पुलिस कमिश्नर को? ये समझ के परे है हमारे तो है। इतने सीनियर ब्यूरोक्रेट है वो, उनको नहीं मालूम है कि ये इनका पॉलिटिकल हेडक्वार्टर है, कैसे हम रोक सकते हैं इनको? हां 144 लगी हुई है, उस ढंग से आप बिहेव करो वो तोड़ते हैं तो आप अरेस्ट करो हम लोगों को, कोई दिक्कत नहीं है। हेडक्वार्टर पर एंट्री बंद कर दी आपने, बाहर नहीं निकल सकता व्यक्ति, क्या तरीका है? पहली बार देख रहे हैं हम लोग, इसका माकूल जवाब दिया जाएगा।

 

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