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जयपुर hellobikaner.in मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा इससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर चर्चा की गई। बैठक में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए आगामी 1 मई से शुरू होने वाले वैक्सीनेशन की तैयारियों तथा कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।

मंत्रिपरिषद ने देश में मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की कमी तथा इससे उत्पन्न स्थिति पर चिंता व्यक्त की और राज्यों को इनका न्यायसंगत आवंटन करने पर बल दिया। मंत्रिपरिषद ने कहा कि राष्ट्रीय प्लान के तहत केंद्र राज्यों को संक्रमित रोगियों की संख्या के अनुपात में तरल मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराए। मंत्रिपरिषद ने चिंता व्यक्त की कि राष्ट्रीय प्लान में राज्य को आवंटित तरल मेडिकल ऑक्सीजन की निर्धारित मात्रा अत्यंत कम है। कई राज्यों में जहां एक्टिव केस कम है वहां रेमडेसिविर तथा तरल ऑक्सीजन का आवंटन राजस्थान से अधिक किया गया है। मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से अपेक्षा की कि सभी राज्यों को ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर का आवंटन एक्टिव केसेज के अनुपात में ही किया जाए।

बैठक में बताया गया कि राजस्थान को 21 अप्रेल, 2021 को तात्कालिक आवंटन में मात्र 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए, जबकि गुजरात एवं मध्यप्रदेश को राजस्थान से कम एक्टिव केसेज होने के बावजूद क्रमशः 1 लाख 63 हजार तथा 92 हजार 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किया गए हैं। यदि आवंटन एवं एक्टिव केसेज का प्रतिशत निकाला जाए तो राजस्थान को मात्र 27.50 प्रतिशत इंजेक्शन आवंटित किया गए हैं। वहीं गुजरात को 194 और मध्यप्रदेश को 112 प्रतिशत आवंटन किया गया है।

 

 

मंत्रिपरिषद ने इस बात पर जोर दिया कि 18 से 44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों का भी केंद्र सरकार निःशुल्क टीकाकरण करवाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष एवं अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिये। राज्यों में सभी आयु वर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगाएगा। यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को निःशुल्क वैक्सीन लगाई जाए।

 

 

मंत्रिपरिषद ने सभी प्रदेशवासियों को इलाज के भारी-भरकम खर्च से चिंता मुक्त करने के लिए आगामी 1 मई से लागू होने वाली मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को अनुकरणीय पहल बताते हुए कहा कि यह योजना आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। मंत्रिपरिषद ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे आवश्यक रूप से 30 अप्रेल तक इस योजना में पंजीयन करवाएं। इसके बाद पंजीयन कराने वालों को बीमा कवरेज का लाभ 3 माह बाद मिल पाएगा।

 

 

बैठक में गृह विभाग की ओर से कोरोना गाइडलाइन, कोविड प्रोटोकाॅल के उल्लंघन पर की जा रही कार्रवाई तथा जन अनुशासन पखवाडे़ के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि पिछले 2 दिन से प्रदेश में लगातार 14 हजार से अधिक पाॅजिटिव केस आये हैं। संक्रमण की यह रफ्तार रही तो एक्टिव केसेज 2 लाख तक पहुंच जाएंगे। ऐसे में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर सहित अन्य संसाधनों पर अत्यधिक दबाव होगा। मंत्रिपरिषद ने इस स्थिति से निपटने के लिए जन अनुशासन पखवाडे़ में की गई पाबंदियों को और सख्त किए जाने का सुझाव दिया।

 

 

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड संक्रमण, उपचार, वैक्सीनेशन, ऑक्सीजन एवं संसाधनों के प्रबंधन तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

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