जयपुर hellobikaner.in उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा समेत पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजस्थान में एक फिर से कांग्रेस प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी देखने को मिल सकती है. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित होने हैं. इससे पहले कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को राजस्थान भेज सकती है. प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए पार्टी की ओर से यह कदम उठाया जा सकता है. खासतौर से पार्टी को उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. लिहाजा इन तीनों राज्यों के कांग्रेस प्रत्याशियों को जयपुर या राजस्थान के किसी दूसरे शहर में बाड़ेबंदी में रखा जा सकता है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से पांच राज्यों के चुनाव के संबंध में चर्चा की है. माना जा रहा है कि इस चर्चा के दौरान पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव नतीजे आने से पहले सुरक्षित स्थान पर रखे जाने को लेकर भी बातचीत हुई है. ऐसे में अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े प्रत्याशियों को राजस्थान शिफ्ट किया जा सकता है. इसके साथ ही निर्दलीय के तौर पर चुनाव जीतने की उम्मीद वाले कुछ प्रत्याशियों को भी कांग्रेस अपने साथ मिला सकती है.
राजस्थान सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है कांग्रेस में
कांग्रेस के लिहाज से अगर देखा जाए तो प्रत्याशियों को जोड़-तोड़ की राजनीति से बचाने के लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित राज्य माना जाता है. कांग्रेस की अभी केवल 3 राज्यों में सरकार है. इनमें से पंजाब में चुनाव चल रहे हैं. छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तुलना की जाए तो राजस्थान कई मायनों में ज्यादा सुरक्षित है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. उन्हें पार्टी को इस तरह के संकटों से उबारने का लंबा अनुभव है.
राजस्थान में पहले भी कई बार सफल बाड़ेबंदी की जा चुकी है
राजस्थान में इससे पहले भी कई बार कांग्रेस विधायकों की सफल बाड़ेबंदी की जा चुकी है. महाराष्ट्र का सियासी संकट हो या गुजरात में राज्यसभा चुनाव या फिर असम के विधानसभा चुनाव. कांग्रेस के विधायकों और प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी राजस्थान में ही की गई थी. अब एक बार फिर से राजस्थान सियासी बाड़े बंदी का गवाह है बन सकता है.