हैलो बीकानेर न्यूज। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही है वैसे-वैसे प्रदेश के अन्य शहरों की तरह बीकानेर में भी चुनावी सरगर्मियां तेज होने लगी है। प्रतिदिन दोनों प्रमुख पार्टियों की ओर से नए-नए समीकरण सामने आ रहे है। किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली बीकानेर की पूर्व और पश्चिम दोनों ही सीटों पर भारतीय जनता पार्टी पिछले दो चुनावों से लगातार अपना परचम फहराए हुए है।
कांग्रेस चाहती है अपना गढ़ हथियाना
कांग्रेस इस कोशिश में है कि भाजपा से अपना पुराना गढ़ किस तरह वापस हथियाया जाए तो इधर भाजपा इस बार के चुनावों में फिर से दोनों सीटें अपनी झोली में डाल कर हैट्रिक करने को बेताब नजर आ रही है। पूर्व की सीट तो वैसे भी भाजपा के हाथ के लड्डू की तरह मानी जा रही है लेकिन पार्टी के लिए असली चुनौती है बीकानेर की पुष्करणा बाहुल्य वाली पश्चिम सीट। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. गोपाल जोशी ने लगातार दो बार बीकानेर पश्चिम में कमल खिलाया है। भाजपा के लिए चुनौती यही है कि डॉ. गोपाल जोशी उम्र के नौवें दशक को आध पार कर चुके है, इसलिए उनका अब चुनाव लड़ा जाना उचित नहीं माना जा सकता।
चूरा पर जाकर पूरी हो सकती है तलाश
अब पार्टी को एक ऐसे विश्वसनीय चेहरे की आवश्यकता है लगातार तीसरी बार बीकानेर पश्चिम की सीट भाजपा की झोली में डाल सके। पार्टी के लिए धर्मसंकट यह है कि दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त में वह किसे चुने जो कांग्रेस के लगभग तय कद्दावर प्रत्यासी को कड़ी टक्टर दे सके। टिकट के लिए दावेदारी करना जितना आसान है उतनी ही मुश्किल है चुनाव लड़ना और जीतना। हालात मुश्किल होते हुए भी भाजपा के लिए सबसे यह है कि उसके पास पश्चिम सीट के लिए दो तीन बेहतरीन विकल्प है, जिनमें से किसी एक पर भी पार्टी भरोसा करे तो नैया पार लग सकती है। ऐसे दो तीन लोगों में से एक नाम ऐसा है जो निर्विवाद और सर्वप्रिय व्यक्ति है। वह नाम शहर में होने वाली अधिकांश सामाजिक, धार्मिक और जन हितकारी गतिविधियों में मौन रहकर मेरूदण्ड की भूमिका निभाने वाले अद्योपति एवं समाज सेवी राजेश चूरा का।
हर वर्ग की पसंद है चूरा
राजेश चूरा की दोनों ही पार्टीयों के नेताओं के साथ अच्छी मेल मुलाकात बताई जा रही है। इसके बावजूद भी कांग्रेस के लिए यह नाम भय का कारण बना हुआ है। इसकी वजह यही है कि राजेश चूरा न केवल आमजन में अत्यन्त लोकप्रिय है बल्कि राजनेताओं व शहर के बुद्धिजीवियों और व्यवसायी वर्ग की भी पहली पसन्द है। राजनीतिक विशलेषकों का मानना है कि कांग्रेस इस बार पश्चिम की सीट पर अपना पूरा दमखम लगाने का मन बनाए बैठी है। चूंकि कांग्रेस के लगभग तय उम्मीदवार सत्ता और संगठन के शीर्ष पदों का अनुभव रखते है और इस बार का चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा इसलिए वे भी चुनाव जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगे। ऐसे में भाजपा अगर राजेश चूरा को उनके सामने मैदान में उतारे तो न केवल मुकाबला रोकच हो जाएगा बल्कि कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।
क्या कहते है राजनीतिक विशेषज्ञ
अगर राजनीति विशेषज्ञों की माने तो राजेश चूरा आम जनता और युवा वर्ग द्वारा पसन्द किया जाने वाला नाम है। चूंकि उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठ भूमि नहीं है, इसलिए राजनीति में वे अजात शत्रु है। वे सामाजिक गतिविधियों में आगे बढ़कर भूमिका निभाते है, अपने पास आए प्रत्येक व्यक्ति के साथ आत्मीयता का व्यवहार करते है शहर के लोगों के बीच उठते-बैठते हैं और सबसे बड़ी बात है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों को सदैव आसानी से उपलब्ध रहते है। कुल मिलाकर यह कहा जाना चाहिए कि अगर भाजपा शालीन व्यक्तित्व के धनी और स्वच्छ छवि के जमीन से जुडे हुए राजेश चूरा पर दांव खेलती है तो पूर्व की पश्चिम की सीट भी आने वाले कई चुनावों तक भाजपा के लिए सुरक्षित हो जाएगी।
ये भी है टिकट के दावेदार
बीकानेर भाजपा के अनेक नेता-कार्यकर्ता जिनमें अविनाश जोशी और विजय मोहन जोशी जैसे ऊर्जावान युवा है तो संघ की पसन्द वाले अनुभव विजय आचर्य और जेठानंद व्यास भी है। इधर कई दिनों से एक खेमे द्वारा यूआई चेयरमैन का नाम भी पश्चिम सीट के लिए उछाला जा रहा है लेकिन इस बात का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है।
अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में प्रतिष्ठित लोगों की दृष्टि में राजेश चूरा
उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर सफलता पूर्व तय किया है, यह उनकी बहुआयामी प्रतिभा का परिचायक है। उनहें आम जनता दिल से पसन्द करती है। – रामजी व्यास, वरिष्ठ शिक्षक |
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राजेश चूरा बीकानेर के लिए उम्मीद की एक सनई किरण के रूप में उभर रहे है। निः संन्देह उनकी नेतृत्व क्षमता का उपयोग होना चाहिए। – जयचन्द डागा, सामाजिक कार्यकर्ता |
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राजेश चूरा की लोकप्रियता की पुष्टि इसी तथ्य से हो जाती है कि बीकानेर माइन्स ऑनर एसोसिएशन के अब तक के इतिहास में वे एक मात्र ऐसे अध्यक्ष रहे है जो निर्विरोध चुने गए। – शशि मोहन मूंधड़ा, उद्योगपति |
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राजेश चूरा बीकानेर के एक सर्वप्रिय व्यक्तित्व है। पुष्करणा ब्राहम्ण समाज के अलावा सम्पूर्ण विप्र समाज, सेन समाज, माहेश्वरी समाज, पेंशनर समाज, माली समाज, शकद्वीपीय ब्राहम्ण समाज, स्वर्णकार समाज और असंगठित मजदूर वर्ग की समस्त गतिविधियों में उनकी भागीदारी रहती है।- नवरतन अग्रवाल, उद्योगपति |
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वे कुशल वक्ता, सहदृयी इंसान और सुलझे हुए विचारों के व्यक्तित्व है। बीकानेर को अब एक ऐसी ताजगी भरे चेहरे की आवश्यकता है जिसके पास अपना एक विजन हो, इस कसौटी पर राजेश चूरा ही खरे उतरते है। – सुशील ओझा, विप्र फाउण्डेशन |
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बीकानेर के सभी लोग उन्हें बेहद पसन्द करते है। सभी वर्ग उन्हें विधायक के रूप में देखना चाहते है। अगर ऐसा हुआ तो यह बीकानेर के लिए ऐतिहासिक परिवर्तन शुरूआत होगी। – अर्चना थानवी, सामाजिक कार्यकर्ता |
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वे एक कर्मयोगी व्यक्तित्व है। बीकानेर के लिए वे सदैव तन,मन और धन से समर्पित रहे है। पार्टी को बीकानेर के हित में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाना चाहिए। – नवरतन, रोटरी |
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